अखबार में छपी खबर,इन्वर्टर के करेंट से व्यक्ति की मौत , कूलर में चिपका रह गया बच्चा , घर में फ़्रिज़ छूते ही महिला की मॄत्यु । इससे अधिक दुखद और कुछ नही हो सकता कि जिसका आविष्कार मनुष्य के जीवन को सरल और आरामदायक बनाने के लिये किया गया हो ,उसी से मनुष्य के अमूल्य जीवन का अंत हो जाय । बिजली के साथ परेशानी यही है कि वह अत्यंत घातक भी है और दिखाई भी नही पड़ती । इसके प्रयोग में अत्यंत सावधानी बरती जानी चाहिये । कुछ आसान एवं अत्यंत आवश्यक सुझाव निम्नवत है:
१. इन्वर्टर का प्लग टॉप निकालने से यह नही समझ लेना चाहिये कि आप को बिजली का स्पर्शाघात नही हो
सकता | जिस थ्री पिन के प्लग को आपने निकाल लिया है ,उसी के एक पिन से बिजली प्रवाहित हो रही होती है,अगर आपको इनवर्टर में कुछ काम करना है ,जैसे बैटरी में पानी डालना या ,तार इत्यादि अच्छे से कसना ,इसके लिए इनवर्टर में एक ऑफ़ स्विच भी होता है ,उसे अवश्य ऑफ़ कर लें ,तभी कुछ काम करें |
२. घर में विद्दुत संयोजन देने के लिए विद्दुत विभाग द्वारा केबल के साथ साथ अर्थ वायर का तार भी खींचा जाता है ,जिसे घर के अन्दर सभी उपकरणों की बॉडी से ,अर्थ वायर द्वारा जोड़ दिया जाता है ( यह कार्य टॉप की अर्थ पिन से स्वतः हो जाता है ) | अब दुर्घटना किस प्रकार हो जाती है ,इस पर गौर करना आवश्यक है |यदि विभाग की लाइन में ,बरसात ,हवा,आंधी इत्यादि से तार टूटते हैं और फेज़ का तार टूट कर अर्थ के तार पे गिर जाता है , ( टेक्निकली यदि सुरक्षा के सारे सिस्टम कार्य कर रहे हैं तो विद्युत् प्रवाह बंद हो जाना चाहिए,पर ऐसा होता नहीं है ) तो अर्थ वायर में पूरा करेंट दौड़ने लगेगा और आपके घर के प्रत्येक उपकरण की सतह पर वह करेंट मौजूद होगा ,जैसे ही कोई व्यक्ति उस उपकरण को छूने का प्रयास करेगा ,उसे स्पर्शाघात हो जाएगा | इससे बचने का उपाय है कि आप के घर में एक स्वतन्त्र अर्थिंग की जानी चाहिए ,जिससे इस प्रकार की स्थिति में सारा का सारा करेंट अर्थ हो जाए | इसके लिए आज कल बाज़ार में "अर्थ लीकेज सर्किट ब्रेकर" भी उपलब्ध हैं ,जो अर्थ वायर में मामूली करेंट भी आने पर सर्किट ब्रेक कर देते हैं |
३.कूलर भी प्रायः मौत का कारण बन जाता है , कूलर में पानी भरते समय हर हालत में प्लग टॉप निकाल दें ,स्विच ऑफ़ करने से हो सकता है बिजली ना बंद हुई हो क्योंकि घर की वायरिंग में अक्सर दोष पाया जाता है कि बिजली मिस्त्री ने स्विच फेज़ की जगह न्यूट्रल वायर में लगा दिया हो ,इसकी भी जांच अवश्य करा लेनी चाहिए |
४.सभी तार और स्विच उपयुक्त रेटिंग के ही होने चाहिए |
५.कूलर के स्टैंड में कभी भूल से भी अपने पालतू जानवर यथा कुत्ते ,बिल्ली को चेन ना करें |
६.जहाँ पर मेन सप्लाई आ रही हो ,वहां उसे बंद करने के लिए एम. सी. बी. अवश्य होनी चाहिए और घर के सभी सदस्यों को उसके प्रयोग के बारे में जानकारी होनी चाहिए |
७. बिजली में हमेशा बस दो ही फाल्ट होते हैं ,पहला लूज़ कनेक्शन और दूसरा ओवरलोडिंग | इसके अतिरिक्त कुछ नहीं होता |
८.बरसात मे आकाश से बिजली गिरने का भय रहता है ,अतः बारिश मे कभी पेड के नीचे ना खड़े हों | यदि आप कार में हैं तो कार में ही बैठे रहें ,नीचे ना उतरें | यदि बिजली कड़क रही हो तो खुले में छाते का प्रयोग ना करें |
९.जिस जगह पर ट्रांसफार्मर लगे होते है ,अक्सर दुकानदार उसके पास अपनी पटरी वाली दूकान लगा के बैठ जाते हैं | कभी भी उस दूकान पर ना जाये ,क्योंकि कभी फाल्ट की स्थिति में फ्यूज़ उड़ने पर वहां ब्लास्ट हो सकता है और कभी कभी आग भी लग जाती है | अक्सर ट्रांसफार्मर के आस पास लोग कूड़ा घर भी बना देते है जिससे कूड़ा बीनने वाले या जानवर खाने की तलाश में वहां आते हैं और बिजली से चिपक कर मर जाते हैं |
सदैव किसी जानकार मिस्त्री से ही घर का काम कराएँ और यदि आपको जानकारी नहीं है, तब कभी भी स्वयं बिजली का काम करने की कोशिश ना करें | मेरा मकसद आपको भयभीत करने का कतई नहीं है, बस थोड़ा सा सतर्क होने की आवश्यकता जरूर है |