१.घर की धूल धक्कड़ की सफाई,झाड़ू पोछा को हमेशा हाउस कीपिंग बोलिये। पिज़्ज़ा टाइप फीलिंग आती भले ही आप चिल्ला खा रहे हों।
२.झाड़ू लगाते समय साथ मे हमेशा डस्ट पैन और डस्ट बिन रखिये। छोटे छोटे टुकड़े में झाड़ू लगाइए और तुरन्त कूड़ा उठाकर डस्ट बिन भरते चलिए। ऐसा करने से ढेरों कूड़ा एक साथ बुहारना नही पड़ेगा। सफाई ज्यादा अच्छी होगी और जल्दी होगी। एक कमरे का कूड़ा दूसरे कमरे में दखल नही दे पाएगा।
३.डस्टिंग हमेशा झाड़ू से पहले करिये जिससे डस्टिंग करने में कोई आइटम शो पीस टाइप टूट टाट कर गिर जाए तो झाड़ू बुहारने में उठ जाए।
४. पोछा वाईपर में ही कपड़ा फंसा कर लगाए। खड़े खड़े पोछा लगाना सरल होता है। बैठ कर पोछा लगाने में मोबिलिटी कम होती है।
५. पोछा लगाने में समय उतना ही खर्च कीजिये जितना कामवाली समय लगाती है नही तो सुनने को मिल सकता कि इत्ती जल्दी कैसे हो गया,कोई कमरा छूट गया क्या।
६. पोछा लगाते समय कमरा बन्द रखिये और थोड़ी देर जमीन पर पसर कर आराम कर लीजिए। पोछा लगाने का मन न हो तो खाली फिनायल या लाइज़ोल छिड़क कर पोछ दीजिये। "खुशबू अच्छे अच्छे राज़ दबा देती है।"
७.झाड़ू पोछे के दौरान बीच बीच मे कमर पर हाथ जरूर रखिये थकान दिखाने के उद्देश्य से। पूछने पर दर्द का अभिनय जरूर कीजिये।
८. इस काम मे जोश कभी न दिखाइए न ही कभी तारीफ सुन कर मुदित होइये।
९.बॉस का फोन आये तो बोलिये , होल्ड करिये सर,अभी हाथ मे झाड़ू बाल्टी होल्ड किये है।
१०.झाड़ू पोछे का काम फिजिकल व्यायाम समझ कर करिये। साथ मे म्यूजिक चला लीजिये तो ज़िन्दगी आसान हो जाएगी।
विशेष : बर्तन मांजने का प्रस्ताव या इच्छा जाहिर की जाए उस पक्ष से तो कभी स्वीकार न करें। यह काम सबसे मुश्किल है। इस काम के लिए उनकी तारीफ करते रहिए, कोशिश कीजिये कि बर्तन कम से कम जूठे करें आप, सुखी रहेंगे।
जनहित में जारी।