'सॉरी' शब्द केवल एक शब्द नहीं अपितु अपने में एक सम्पूर्ण कथन हैं । यह शब्द किस भाषा का है ,यह अब महत्वहीन है ,क्योंकि यह शब्द नहीं एक 'सन्देश' है ,एक 'भावना' है ,एक 'भंगिमा' है और कभी कभी सूखे 'आंसू' हैं ।
यूँ तो प्रायः जब कोई गलती अनजाने में हो जाती है तब स्वमेव मुंह से 'सॉरी' निकल जाता है । यह छोटी छोटी बातों पर होता है ,जैसे भीड़ में किसी को पाँव लग जाए ,या किसी को आपके सामान से असुविधा हो जाए ,या आपके किसी अनजाने कृत्य से असुविधा हो जाये तब अचानक मुंह से सॉरी निकल जाता है । यह स्थिति तब की है जब अनजान दो लोगों के बीच कोई असहज स्थिति उत्पन हुई हो | परन्तु जब दो परस्पर 'निकट' के बीच अचानक स्थिति असहज हो जाती है,चाहे वह किसी के कृत्य से हुई हो या संवाद से ,ऐसे में कोई अपनी गलती सहजता से मानने को तैयार नहीं होता । ऐसी स्थिति में यह एक छोटा सा शब्द न बोले जाने के कारण स्थिति बहुत खराब हो जाती है ।
कभी कभी 'सॉरी' बोलने में बहुत समय लग जाता है ,परन्तु जितनी शीघ्र इसे कह दिया जाये नुकसान उतना कम होता है । प्रायः लोग 'सॉरी' कहने में संकोच और लघुता अनुभव करते हैं जब कि 'सॉरी' कहने वाला ही सबसे श्रेष्ठ होता है ।
बिना गलती किये और किसी और की गलती स्पष्ट रूप से दिखने पर भी 'सॉरी' बोलने वाला महानतम होता है और ऐसा वह इसलिए करता है क्योंकि वह उस असहज स्थिति से तुरंत निकलना चाहता है और उस दूसरे व्यक्ति को इतना स्नेह करता है कि उसे भावनात्मक रूप से दुखी नहीं करना चाहता ।
अपनी गलती मान लेना या अपनी गलती न होते हुए भी 'सॉरी' कहना आसान तो नहीं परन्तु जो भी ऐसा कर लेता है वह एक साथ कई दिलों को दुखी होने से बचा लेता है ।
इस पर लोगों के तर्क मिलते हैं कि अपनी गलती न होने पर नहीं मानना चाहिए ,बिलकुल उचित बात है यह । परन्तु विवाद की स्थिति में किसी सम्बन्ध को खोने से अच्छा अपनी गलती न होते हुए भी सामने वाले को ही सही ठहरा देना चाहिए । समय के साथ सारी स्थिति स्पष्ट हो जाती है और निश्चित तौर पर जो व्यक्ति गलत है ,अपनी त्रुटि का एहसास कर ही लेगा ।
जिनका हम सम्मान करते हैं या जिनको हम स्नेह करते हैं उनसे कभी गलती हो भी जाए तो क्या फर्क पड़ता है ,वे मान लें तो मान लें अन्यथा विवाद की स्थिति होने से बेहतर है कि आप ही 'सॉरी' बोलकर स्थिति संभाल लें ।
ऐसा कर के देखें अच्छा लगता है । 'प्यार' में तो यह शब्द संजीवनी बूटी का काम करता है ।कभी कभी यह एक शब्द बोलने में उम्र गुजर जाती है ।