BCG
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1980-85 से पहले जन्मे लोगों की बांह का अगर मुआयना किया जाए तो सभी की बांह में ऊपर की ओर तीन निशान (चिलबिल की तरह) ∆ त्रिभुज के तीन कोने की तरह पाये जाएंगे। यह BCG का जो टीका लगाया जाता था ,उसी का निशान होता है। टीका लगाए जाते समय तो उसके निशान बस तीन बिंदु की शक्ल में करीब करीब होते थे ।पर बाद में आयु बढ़ने के साथ साथ यह आपस मे सोशल डिस्टेन्स बनाते हुए दूर दूर हो जाते हैं। जितनी स्वस्थ बांहे ,उतनी दूर दूर यह निशान पाये जाते हैं।
लड़कियों को इस टीके के निशान के कारण स्लीव लेस ड्रेस पहनने में उलझन होती थी और इसलिये ऐसी ड्रेस पहनना अवॉयड करती थीं। पुरानी फिल्मों की हीरोइन अगर स्लीवलेस पहने हों तो शॉट ऐसे लिए जाते थे कि यह टीके वाली बाँह सामने न दिखाई पड़े।
इस समस्या को ध्यान में रखते हुए अब यह टीके जन्म के तुरंत बाद बच्चों के हिप पर लगाये जाने लगे।
अभी चर्चा चल रही है कि covid 19 से प्रतिरक्षा हेतु यह BCG का टीका दुबारा लगाया जाए।
अब जिसके जहां पहले लगा है ,उसी पर दुबारा यह टीका लगाया जाएगा या सबके ही अब नई प्रचलित जगह पर,राम जाने।
टीका लगने के बाद चलने फिरने में चाल गड़बड़ाई तो लोग समझेंगे कोरोना में बाहर पुलिस वाले से हेलो बोलकर आया है। 😊
एक टीका बचपन मे स्कूल में लगाया जाता था ,चेचक वाला। लाइन में लग कर सब बच्चे आगे बढ़ते रहते थे। यह टीका बाँह पर नही arm पर बीच मे लगाया जाता था। एक लेड पेन ऐसी चीज़ बस स्किन पर रख कर उसे 30 डिग्री घुमा देते थे। कचक से होता था ,दो नन्हे छेद बन जाते थे। किसी किसी का यह टीका लगाए जाने के बाद उठ जाता था। कहते थे उठ गया मतलब अगर उसे टीका न लगता तो चेचक हो ही जाती।
मेरा कभी नही उठा। उस समय उसे नश्तर कहते थे ।