अल्फाज़ मेरे,
लब तेरे ,
आँखें तेरी ,
जुगनू मेरे,
इतनी ख्वाहिश बस |
दिल मेरा ,
धड़कन तेरी ,
मन तेरा ,
उमंग मेरी ,
इतनी ख्वाहिश बस |
कदम मेरे ,
आहट तेरी ,
नींदे तेरी,
ख़्वाब मेरे ,
इतनी ख्वाहिश बस |
तबस्सुम तेरी ,
ख्याल मेरे ,
अश्क तेरे ,
प्यास मेरी ,
इतनी ख्वाहिश बस |
चाहत तेरी ,
हसरत मेरी ,
फ़िदा मै ,
कबूल तुम ,
इतनी ख्वाहिश बस |
बहुत सुन्दर.....
जवाब देंहटाएंकोई ख्वाहिश अधूरी न रहे...
अनु
कदम मेरे ,
जवाब देंहटाएंआहट तेरी ,
नींदे तेरी,
ख़्वाब मेरे ,
इतनी ख्वाहिश बस |
कितनी सुन्दर ख्वाहिश है अमित जी...इंशाअल्लाह, पूरी होगी :)
बस ....????
जवाब देंहटाएंपूरा टोकरा तो भर गया ख्वाहिश का :)
प्यारी सी ख्वाहिशें हैं वैसे.
अजी , अब कौन सी ख़्वाहिश बची भला :):) एहसास को बखूबी लिखा है ....
जवाब देंहटाएंVery beautiful poem,romantic and sublime.So you are an accomplished poet also!Credit goes to?.... :-)
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार | हाँ ! आप जब भी देखेंगे , कनखियों से ही देखेंगे |
हटाएंwaah bahut sundar khwahishein hain...
जवाब देंहटाएंनींदे तेरी,
जवाब देंहटाएंख्वाब मेरे।
ये कैसी-कैसी ख्वाहिसें लिखते है। कम् से कम नींद में ख्वाब तो अपने -अपने देख लेने दो।
अमित जी चाहते हैं कि वो जब नींद में ख्वाब देखें तो मेरे ख्वाब देखें। आगे लिखते हैं..बस। क्या कमाल है!
हटाएंदेवेन्द्र जी आभार |
हटाएंअब तो सुबह हुई . कुछ ख्वाहिश तो पूरी हुई होगी . आमीन .
जवाब देंहटाएंईश्वर करे, आपकी ख्वाहिश शब्दशः पूरी हो।
जवाब देंहटाएंबस इतनी करते कितनी ख्वाहिशें गिनवा दी !!
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं ....सुंदर ख्वाहिशें.....
जवाब देंहटाएंदिल मेरा ,
जवाब देंहटाएंधड़कन तेरी ,
मन तेरा ,
उमंग मेरी ,
इतनी ख्वाहिश बस |खुबसूरत अल्फाजों में पिरोये जज़्बात....शानदार |
.
जवाब देंहटाएं.
.
कुंद दिमाग मेरा
कमेंट बॉक्स तेरा
कुछ तो लिख पाऊँ
पोस्ट की शान में
इतनी ख्वाहिश बस !
...
प्रवीण साहब , यह तो आपका स्नेह है और कुछ नहीं | आभार |
हटाएंitni khawaishen.:)
जवाब देंहटाएंpar saari khwaish puri hone layak:))
Beautiful...
जवाब देंहटाएं---
गुलाबी कोंपलें
सुन्दर ख्वाइशे,,सुन्दर रचना...
जवाब देंहटाएंविजयादशमी की शुभकामनाएँ!!
:-)
खूबसूरत और जीवंत ख्वाहिशें .... बहुत सुन्दर
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