गुरुवार, 18 अक्टूबर 2012

" इतनी ख्वाहिश बस ............"



अल्फाज़ मेरे,
लब तेरे ,
आँखें तेरी ,
जुगनू मेरे,
इतनी ख्वाहिश बस |

दिल मेरा ,
धड़कन तेरी ,
मन तेरा ,
उमंग मेरी ,
इतनी ख्वाहिश बस |

कदम मेरे ,
आहट तेरी ,
नींदे तेरी,
ख़्वाब मेरे ,
इतनी ख्वाहिश बस |

तबस्सुम तेरी ,
ख्याल मेरे ,
अश्क तेरे ,
प्यास मेरी ,
इतनी ख्वाहिश बस |

चाहत तेरी ,
हसरत मेरी , 
फ़िदा मै ,
कबूल तुम ,
इतनी ख्वाहिश बस |

21 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर.....
    कोई ख्वाहिश अधूरी न रहे...

    अनु

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  2. कदम मेरे ,
    आहट तेरी ,
    नींदे तेरी,
    ख़्वाब मेरे ,
    इतनी ख्वाहिश बस |
    कितनी सुन्दर ख्वाहिश है अमित जी...इंशाअल्लाह, पूरी होगी :)

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  3. बस ....????
    पूरा टोकरा तो भर गया ख्वाहिश का :)
    प्यारी सी ख्वाहिशें हैं वैसे.

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  4. अजी , अब कौन सी ख़्वाहिश बची भला :):) एहसास को बखूबी लिखा है ....

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  5. Very beautiful poem,romantic and sublime.So you are an accomplished poet also!Credit goes to?.... :-)

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    उत्तर
    1. बहुत बहुत आभार | हाँ ! आप जब भी देखेंगे , कनखियों से ही देखेंगे |

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  6. नींदे तेरी,
    ख्वाब मेरे।

    ये कैसी-कैसी ख्वाहिसें लिखते है। कम् से कम नींद में ख्वाब तो अपने -अपने देख लेने दो।

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    उत्तर
    1. अमित जी चाहते हैं कि वो जब नींद में ख्वाब देखें तो मेरे ख्वाब देखें। आगे लिखते हैं..बस। क्या कमाल है!

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  7. अब तो सुबह हुई . कुछ ख्वाहिश तो पूरी हुई होगी . आमीन .

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  8. बस इतनी करते कितनी ख्वाहिशें गिनवा दी !!

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  9. दिल मेरा ,
    धड़कन तेरी ,
    मन तेरा ,
    उमंग मेरी ,
    इतनी ख्वाहिश बस |खुबसूरत अल्फाजों में पिरोये जज़्बात....शानदार |

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  10. .
    .
    .

    कुंद दिमाग मेरा
    कमेंट बॉक्स तेरा
    कुछ तो लिख पाऊँ
    पोस्ट की शान में

    इतनी ख्वाहिश बस !



    ...

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  11. सुन्दर ख्वाइशे,,सुन्दर रचना...
    विजयादशमी की शुभकामनाएँ!!
    :-)

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  12. खूबसूरत और जीवंत ख्वाहिशें .... बहुत सुन्दर

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