"बस यूँ ही " .......अमित
"शब्द भीतर रहते हैं तो सालते रहते हैं, मुक्त होते हैं तो साहित्य बनते हैं"। मन की बाते लिखना पुराना स्वेटर उधेड़ना जैसा है,उधेड़ना तो अच्छा भी लगता है और आसान भी, पर उधेड़े हुए मन को दुबारा बुनना बहुत मुश्किल शायद...।
मंगलवार, 17 दिसंबर 2024
शुक्रवार, 13 दिसंबर 2024
मंगलवार, 10 दिसंबर 2024
गुरुवार, 19 सितंबर 2024
शनिवार, 7 सितंबर 2024