ख़्वाब तो अच्छे हैं,
जब चाहो बुला लो उन्हें,
पास बिठा सता लो उन्हें,
कितना रूठें मना लो उन्हें,
अपने हाथों सजा लो उन्हें,
कुछ उनकी सुनो,
कुछ अपनी सुना लो उन्हें,
ख़्वाब में गर ख़्वाब आयें,
दूर जाने के उनके,
झट आँख खोल झुठला दो उन्हें
ख़्वाब तो अच्छे हैं !!!!!!
"उनके ख्वाब तो बहुत अच्छे हैं और वो ख्वाबों में तो बहुत ही अच्छे हैं"
"काश ! ! ना ख़्वाब टूटें ,ना ख़्वाब में वो टूटें "
ख्वाब तो बहुत अच्छे हैं...
जवाब देंहटाएंना ख़्वाब टूटें ,ना ख़्वाब में वो रूठें... खूबसूरत ख्वाब
स्वप्न हमारे दास हैं या हम स्वप्नों के।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर ख्वाब... सुन्दर रचना.....
जवाब देंहटाएंbadhiyaa
जवाब देंहटाएंख़्वाब तो सचमुच बहुत ही सुन्दर हैं ..
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंहाँ , ख्वाब ही तो अपने हैं , जैसे चाहे सजा लो ...
जवाब देंहटाएंसुन्दर!
khwab to aache he :)
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