बारिश की बूंदे जितनी नन्ही सी होती है , वो कार के शीशे पर अधिकतम समय तक के लिए ठहरती हैं। आकार बड़ा होते ही ढुलक कर फ़ना हो जाती हैं।
"छोटी छोटी बातें ज्यादा देर तक मन को विचलित अथवा प्रफुल्लित करती हैं।"
"बड़ी बातें या तो क्रोध की अग्नि में स्वाहा हो जाती है और अगर बात प्रशंसा की हो तो वे घमंड पैदा करती हैं, जिसे भी अंत मे चूर होना ही होता है।"
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