हे ईश्वर,
हम सभी ने,
पूर्ण की परिक्रमा,
सूर्य की एक और।
इस परिक्रमा मे,
कुछ छूट गए,
कुछ रह गए,
कुछ आगे आगे,
ही रहे।
पर गोल चक्कर मे,
आगे पीछे तो सब,
होता है सापेक्ष।
बस आपकी बनी रहे,
अनुकम्पा,
सभी पर,
है यही प्रार्थना।
इस नई परिक्रमा में,सब का हो,
उत्साह नया,
जोश नया,एक उत्सव सा,
एक अवसर सा।
और कुछ की चाह नहीं,पर संजोए रखना प्रभु,
जो कुछ भी है हासिल।
आ पाऊं औरों,
के काम,
कर सकूं जीवन,
सार्थक अपना,
बस इतनी सी अभिलाषा।
"नववर्ष २०११ सभी के लिए अभूतपूर्व रूप में मंगलमयी हो"
बहुत सुन्दर भाव.नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी अभिलाषा की है कविता में आप ने.ईश्वर की अनुकम्पा,
जवाब देंहटाएंसभी पर बनी रहे ऐसी प्रार्थना हम भी करते हैं.
****नव वर्ष २०११ के लिए हार्दिक मंगलकामनाएं !*****
... bahut sundar ... bhaavpoorn rachanaa !!
जवाब देंहटाएं... shubhaa-shubh nav varsh - 2011 !!
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण कविता.
जवाब देंहटाएंनए साल की हार्दिक शुभकामनायें.
भावपूर्ण रचना. आभार.
जवाब देंहटाएंअनगिन आशीषों के आलोकवृ्त में
तय हो सफ़र इस नए बरस का
प्रभु के अनुग्रह के परिमल से
सुवासित हो हर पल जीवन का
मंगलमय कल्याणकारी नव वर्ष
करे आशीष वृ्ष्टि सुख समृद्धि
शांति उल्लास की
आप पर और आपके प्रियजनो पर.
आप को भी सपरिवार नव वर्ष २०११ की ढेरों शुभकामनाएं.
सादर,
डोरोथी.
आप सभी को स्नेहिल आभार ।
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