"शब्द भीतर रहते हैं तो सालते रहते हैं, मुक्त होते हैं तो साहित्य बनते हैं"। मन की बाते लिखना पुराना स्वेटर उधेड़ना जैसा है,उधेड़ना तो अच्छा भी लगता है और आसान भी, पर उधेड़े हुए मन को दुबारा बुनना बहुत मुश्किल शायद...।
पर संजो कब पाया है कोई, रूई के फ़ाहों सी, खुशबू, सुन्दरता और हंसी।वाह ! क्या खूब चित्रण किया है …………सुन्दर परिभाषा गढी है।
.. bahut sundar !!!
कोमल भावों से पूर्ण बहुत सुन्दर प्रस्तुति..नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं !
NAYA SAAL 2011 CARD 4 U_________@(________(@@(________(@please open it@=======@/”**I**”// “MISS” // “*U.*” /@======@“LOVE”“*IS*””LIFE”@======@/ “LIFE” // “*IS*” // “ROSE” /@======@“ROSE”“**IS**”“beautifl”@=======@/”beautifl”// “**IS**”// “*YOU*” /@======@Yad Rakhna mai ne sub se Pehle ap ko Naya Saal Card k sath Wish ki ha….मेरी नई पोस्ट पर आपका स्वागत है !
बह्त बहुत शुक्रिया।
bahut pyari makhmali sa ehsaas karati aapki ye rachna ..rooi ke faahe se bhi komal lagi :-)
पर संजो कब पाया है कोई,
जवाब देंहटाएंरूई के फ़ाहों सी,
खुशबू, सुन्दरता और हंसी।
वाह ! क्या खूब चित्रण किया है …………सुन्दर परिभाषा गढी है।
.. bahut sundar !!!
जवाब देंहटाएंकोमल भावों से पूर्ण बहुत सुन्दर प्रस्तुति..नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंNAYA SAAL 2011 CARD 4 U
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Yad Rakhna mai ne sub se Pehle ap ko Naya Saal Card k sath Wish ki ha….
मेरी नई पोस्ट पर आपका स्वागत है !
बह्त बहुत शुक्रिया।
जवाब देंहटाएंbahut pyari makhmali sa ehsaas karati aapki ye rachna ..rooi ke faahe se bhi komal lagi :-)
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