रहता हूं,
खोया खोया सा,
यूँ ही उनकी,
यादों के जालों में |
जालों पर,
लटकती रहती हैं,
बूंदें चमकती ,
उनकी शहद सी,
मुस्कान की |
बूंदें आपस में मिलें ,
तो लगती दौड़ने सी
और बदल जाती,
मुस्कान उनकी,
खिलखिलाती हँसी में |
फूल से खिल उठते हैं,
सब ओर ,
महक उठती है,
मेरी सांसे भी |
अब तो लत सी,
हो गई है,
इस खेल की |
पहले बूंदें बनाना,
फ़िर उन्हें,
मिलाना,
और बदलते देखना,
उनकी,
मुस्कान को,
खिलखिलाती हँसी में।
खोया खोया सा,
यूँ ही उनकी,
यादों के जालों में |
जालों पर,
लटकती रहती हैं,
बूंदें चमकती ,
उनकी शहद सी,
मुस्कान की |
बूंदें आपस में मिलें ,
तो लगती दौड़ने सी
और बदल जाती,
मुस्कान उनकी,
खिलखिलाती हँसी में |
फूल से खिल उठते हैं,
सब ओर ,
महक उठती है,
मेरी सांसे भी |
अब तो लत सी,
हो गई है,
इस खेल की |
पहले बूंदें बनाना,
फ़िर उन्हें,
मिलाना,
और बदलते देखना,
उनकी,
मुस्कान को,
खिलखिलाती हँसी में।
कितनी प्यारी लत है !
जवाब देंहटाएंअब तो लत सी,
जवाब देंहटाएंहो गई है,
इस खेल की|
पहले बूंदें बनाना,
फ़िर उन्हें,
मिलाना,
और बदलते देखना,
उनकी,
मुस्कान को,
खिलखिलाती हंसी में।
...
yah aadat hi zindagi kee shakl banati hai ek jauhri kee tarah
इस लत की लत लग जाये आपको।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन
जवाब देंहटाएंसादर
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क्या आज क़े नौजवान नेताजी का पुनर्मूल्यांकन करवा सकेंगे?
दुआ है ये जाले यूँ ही मुस्कानों के मोती पिरोते रहे ....
जवाब देंहटाएंऔर आप उन्हें हँसी में बदलते रहे .....
Optimistic one. GoooD. would like to follow U.
जवाब देंहटाएंvah vah, kya khoob likha hai
जवाब देंहटाएंkya lat lagi hai aapko
जवाब देंहटाएंbahut sunder
..
जालों पर,
जवाब देंहटाएंलटकती रहती हैं,
बूंदें चमकती हुई,
उनकी शहद सी,
मुस्कान की|
वाह , बहुत खूबसूरत रचना ...
प्रभावित करती लेखनी,बेहतरीन
जवाब देंहटाएंbehtareen prastuti.
जवाब देंहटाएंखोया हुआ सा,
जवाब देंहटाएंयूँ ही उनकी,
यादों के जालों में|
जालों पर,
लटकती रहती हैं,
बूंदें चमकती हुई,
उनकी शहद सी,
मुस्कान की|
बेहद खूबसूरत...