खबर जब से हुई,
आने की उनकी ,
खलबली सी मची क्यूँ है |
ऐसा तो पहले कभी न था ,
एक अच्छी सी बयार चली क्यूँ हैं |
वो आयें ख्वाहिश उनकी ,
दीदार हो जाएँ हसरत अपनी,
पर सबमें बेचैनी इतनी बढ़ी क्यूँ हैं |
चाहने वाले हज़ारों उनको,
फेहरिस्त में भी उनकी,
किस्से हज़ारों |
कतार में उनकी,
मैं सबसे पीछे,
फिर मुझमें इतनी,
wah ....lekhani me jan basi hai
जवाब देंहटाएंsundar rachna ...!!
जवाब देंहटाएंby god!!! one sided ?????
जवाब देंहटाएंएक तरफ़ा इश्क........एक सजा है.
:-)
सादर
अनु
मैं सबसे पीछे,
जवाब देंहटाएंफिर मुझमें इतनी,
खलिश सी क्यूँ हैं |
बहुत सुंदर ....
बहुत सुंदर ....
जवाब देंहटाएंवाह,
जवाब देंहटाएंहम क्यों अपना ध्येय बिसारें,
सहते, यदि वे नहीं निहारें।
nice .thanks
जवाब देंहटाएंTIME HAS COME ..GIVE YOUR BEST WISHES TO OUR HOCKEY TEAM -BEST OF LUCK ..JAY HO !
Beautifull..
जवाब देंहटाएंबहुत खूब सर!
जवाब देंहटाएंसादर
सुन्दर भाव लिए बेहतरीन रचना..
जवाब देंहटाएं:-)
वाह बहुत अच्छे भाव
जवाब देंहटाएंमीठी सी फुहार सा खूबसूरत ख्याल... बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भाव लिए सुन्दर रचना..
जवाब देंहटाएंwah nikal gai ,rachna padhte hi .aise hi likhte rahiye -shubh -kamnaye
जवाब देंहटाएंpls vsit myblog--purvaai.blogspot.com
क्या बात है ...beautiful..
जवाब देंहटाएंखूबसूरत मंजर खींचा है.