यूँ आना तुम्हारा,
ज़िन्दगी में मेरी,
फकत,
चंद लम्हों के वास्ते |
और,
उकेरना तुम्हारा,
उन लम्हों की,
एक,
इबारत |
जैसे दस्तखत हों,
वक्त पे,
तुम्हारे,
तबस्सुम के |
उन लम्हों को,
जो मिटा दो,
तो बीता वक्त,
लगे कोरा कोरा सा |
और गर छू भर लो,
उन लम्हों को,
फिर,
बारिश ही बारिश है,
अश्कों की,
लुकती छिपती,
तबस्सुम पे |
रास्ते में,
कभी गिरे मिले,
जो बीते लम्हें,
पाँव बचाना,
अश्कों में डूबे होंगे,
वे,
भिगो ना दें,
कहीं उन्हें |
और फिर,
भीगे पाँव,
तो,
निशाँ,
छोड़ेंगे,
बहुत दूर तलक |
भीगे पाँव,
जवाब देंहटाएंतो,
निशाँ,
छोड़ेंगे,
बहुत दूर तलक |waah! bhut khubsurat panktiya...
लाज़बाब पंक्तियाँ, बार बार पढ़ने का मन करता है।
जवाब देंहटाएंआपके "अश्क" हमारे लिए अश्मकर
जवाब देंहटाएंरास्ते में,
जवाब देंहटाएंकभी गिरे मिले,
जो बीते लम्हें,
पाँव बचाना,
अश्कों में डूबे होंगे,
वे,
भिगो ना दें,
कहीं उन्हें |
और फिर,
भीगे पाँव,
तो,
निशाँ,
छोड़ेंगे,
बहुत दूर तलक |
aur ye nishaan kahenge jane kitni daastaan
फिर,
जवाब देंहटाएंबारिश ही बारिश है,
अश्कों की,
लुकती छिपती,
तबस्सुम पे |
वाह!
भीगे पाँव,
जवाब देंहटाएंतो,
निशाँ,
छोड़ेंगे,
बहुत दूर तलक ..वाह ...
मिले भी वो हमें तो बिखरे पन्नो की तरह ,
आये जताने मोहोब्बत हमसे जैसे भिखरी हो हमरी खुशियाँ रेट के दानो की तरह ........
और गर छू भर लो,
जवाब देंहटाएंउन लम्हों को,
फिर,
बारिश ही बारिश है,
अश्कों की,
लुकती छिपती,
तबस्सुम पे |
वाह, वाह ! शानदार |
दर्द ए दिल बयां करती ...... काफी अच्छी !!
बहुत सुन्दर भाव समन्वय्।
जवाब देंहटाएंEach and every line........ Beautiful !!
जवाब देंहटाएंआपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (04.06.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.blogspot.com/
जवाब देंहटाएंचर्चाकार:-Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)
स्पेशल काव्यमयी चर्चाः-“चाहत” (आरती झा)
इश्क है तो अश्क है :)
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा...बहुत भावपूर्ण.
जवाब देंहटाएंजैसे दस्तखत हों,
जवाब देंहटाएंवक्त पे,
तुम्हारे,
तबस्सुम के |
उन लम्हों को,
जो मिटा दो,
तो बीता वक्त,
लगे कोरा कोरा सा |
और गर छू भर लो,
उन लम्हों को, bahut sundar abibaykti aapki...aabhar
बहुत खूबसूरत रचना ..भीगे पांव दूर तक निशाँ छोड़ेंगे ... लाजवाब
जवाब देंहटाएंभीगे पाँव,
जवाब देंहटाएंतो,
निशाँ,
छोड़ेंगे,
बहुत दूर तलक |
लाज़वाब अहसास...बहुत सुन्दर भावमयी रचना..
भीगे पाँव,
जवाब देंहटाएंतो,
निशाँ,
छोड़ेंगे,
बहुत दूर तलक |
वाह,
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
यूँ आना तुम्हारा,
जवाब देंहटाएंज़िन्दगी में मेरी,
फकत,
चंद लम्हों के वास्ते |
और,
उकेरना तुम्हारा,
उन लम्हों की,
एक,
इबारत |
लम्हों की कहानी ..लम्हों की ज़ुबानी ...अच्छी प्रस्तुति
बहुत सुन्दर , भावुक कर देने वाली प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसुन्दर
जवाब देंहटाएंhttp://shayaridays.blogspot.com
सच में ही बहुत दूर तक निशां छोडेंगे ......बहुत ही खूबसूरत , उम्दा ।
जवाब देंहटाएंi like ..... lukti chupti ... Tabassum ... wali line..
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