सोमवार, 14 फ़रवरी 2011

"वैलेन्टाइन डे" या "प्यार-प्रण दिवस"

जब भी मैं होऊं रिक्त,
पूर्ण करो मुझे तुम,
और तुम्हारी शून्यता,
संगीत से भरूँ मैं |
उदासी का कैनवस,
दिखे जब कभी भी,
साथ मिल भर दें,
सारी कायनात के रंग |
जुबां से पहले,
सुन ले दिल |
आँखों से पहले,
बोल दे नज़र |
प्यार कभी ना हो आहत,
बस इतना सा ख्याल रहे |
थोड़ा खट्टा थोड़ा मीठा,
अपना यूँ  व्यवहार रहे |
"happy valentine day"

24 टिप्‍पणियां:

  1. उदासी का कैनवस,
    दिखे जब कभी भी,
    साथ मिल भर दें,
    सारी कायनात के रंग |

    प्रेम की सार्थक अभिव्यक्ति.....

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  2. पूरा एक्शन प्लान बना लिया। अब अमल शुरु किया जाये।

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  3. उदासी के कैनवास पर मिल कर भरेंगे कायनात के रंग ...
    बहुत बढ़िया !

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  4. वाह! कमाल की अभिव्यक्ति!

    मेरा कथन-
    "आओ गीत लिखें,
    हारें क्यो हम
    गम से डर से
    प्रीत की रीत लिखें,
    आओ गीत लिखें!"

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  5. बहुत ही सार्थक सन्देश दिया है सर!

    सादर

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  6. प्यार कभी ना हो आहत,
    बस इतना सा ख्याल रहे |
    थोड़ा खट्टा थोड़ा मीठा,
    अपना यूँ व्यवहार रहे |....

    बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना के लिए बधाई।

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  7. थोड़ा खट्टा थोड़ा मीठा,
    अपना यूँ व्यवहार रहे |

    उत्तम...

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  8. प्यार कभी ना हो आहत,
    बस इतना सा ख्याल रहे |
    थोड़ा खट्टा थोड़ा मीठा,
    अपना यूँ व्यवहार रहे |

    बहुत सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति..

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  9. amit ji
    bahut bahut behatreen prastuti .
    velentain de, ke avsar.
    जुबां से पहले,
    सुन ले दिल |
    नयनों से पहले,
    बोल उठे नज़र |
    bahut khoobsurat abhivyakti---
    poonam

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  10. बचपन से आज तक , कभी valentine day नहीं जाना की क्या बला है । कविता अच्छी लगी ।

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  11. क्यों न हम होली - डे मनाएं... तो फिर, विदेश से इम्पोर्ट करने की आवश्यकता क्या :)

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  12. प्यार कभी ना हो आहत,
    बस इतना सा ख्याल रहे |
    थोड़ा खट्टा थोड़ा मीठा,
    अपना यूँ व्यवहार रहे |बहुत सामायिक कविता ,अतिउत्तम

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  13. प्रेमदिवस की शुभकामनाये !
    कुछ दिनों से बाहर होने के कारण ब्लॉग पर नहीं आ सका
    माफ़ी चाहता हूँ

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  14. प्रिय अमित निवेदिता जी
    सादर सस्नेहाभिवादन !

    बहुत सुंदर रचना है … प्रेम के सुंदर भाव
    जुबां से पहले,
    सुन ले दिल

    आपसी तालमेल ऐसा ही होना चाहिए …
    प्रेम की ऐसी अच्छी अभिव्यक्ति पढकर बहुत ख़ुशी हुई !

    ♥ प्रेम बिना निस्सार है यह सारा संसार !
    ♥ प्रणय दिवस की मंगलकामनाएं! :)

    बसंत ॠतु की भी हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !

    - राजेन्द्र स्वर्णकार

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  15. बहुत खूब .....

    आपको ये खट्टा +मीठा प्यार मुबारक ......

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  16. वाह वाह यही है प्यार थोडा खट्टा थोडा मीठा.

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  17. आँखों से पहले,
    बोल दे नज़र |

    सुन्दर रचना

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