जब भी मैं होऊं रिक्त,
पूर्ण करो मुझे तुम,
और तुम्हारी शून्यता,
संगीत से भरूँ मैं |
उदासी का कैनवस,
दिखे जब कभी भी,
साथ मिल भर दें,
सारी कायनात के रंग |
जुबां से पहले,
सुन ले दिल |
आँखों से पहले,
बोल दे नज़र |
प्यार कभी ना हो आहत,
बस इतना सा ख्याल रहे |
थोड़ा खट्टा थोड़ा मीठा,
अपना यूँ व्यवहार रहे |
"happy valentine day"
पूर्ण करो मुझे तुम,
और तुम्हारी शून्यता,
संगीत से भरूँ मैं |
उदासी का कैनवस,
दिखे जब कभी भी,
साथ मिल भर दें,
सारी कायनात के रंग |
जुबां से पहले,
सुन ले दिल |
आँखों से पहले,
बोल दे नज़र |
प्यार कभी ना हो आहत,
बस इतना सा ख्याल रहे |
थोड़ा खट्टा थोड़ा मीठा,
अपना यूँ व्यवहार रहे |
"happy valentine day"
उदासी का कैनवस,
जवाब देंहटाएंदिखे जब कभी भी,
साथ मिल भर दें,
सारी कायनात के रंग |
प्रेम की सार्थक अभिव्यक्ति.....
पूरा एक्शन प्लान बना लिया। अब अमल शुरु किया जाये।
जवाब देंहटाएंउदासी के कैनवास पर मिल कर भरेंगे कायनात के रंग ...
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया !
wwah kya baat hai
जवाब देंहटाएंbahut badiya
..
वाह! कमाल की अभिव्यक्ति!
जवाब देंहटाएंमेरा कथन-
"आओ गीत लिखें,
हारें क्यो हम
गम से डर से
प्रीत की रीत लिखें,
आओ गीत लिखें!"
बिलकुल सही सन्देश। आभार।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सार्थक सन्देश दिया है सर!
जवाब देंहटाएंसादर
प्यार कभी ना हो आहत,
जवाब देंहटाएंबस इतना सा ख्याल रहे |
थोड़ा खट्टा थोड़ा मीठा,
अपना यूँ व्यवहार रहे |....
बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना के लिए बधाई।
सुन्दर प्रेम स्वर।
जवाब देंहटाएंबहुत ही भावमयी प्रेममयी रचना।
जवाब देंहटाएंसामयिक और भावों से ओत-प्रोत रचना.
जवाब देंहटाएंथोड़ा खट्टा थोड़ा मीठा,
जवाब देंहटाएंअपना यूँ व्यवहार रहे |
उत्तम...
प्यार कभी ना हो आहत,
जवाब देंहटाएंबस इतना सा ख्याल रहे |
थोड़ा खट्टा थोड़ा मीठा,
अपना यूँ व्यवहार रहे |
बहुत सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति..
षटरस का स्वाद भरे भाव.
जवाब देंहटाएंamit ji
जवाब देंहटाएंbahut bahut behatreen prastuti .
velentain de, ke avsar.
जुबां से पहले,
सुन ले दिल |
नयनों से पहले,
बोल उठे नज़र |
bahut khoobsurat abhivyakti---
poonam
बचपन से आज तक , कभी valentine day नहीं जाना की क्या बला है । कविता अच्छी लगी ।
जवाब देंहटाएंक्यों न हम होली - डे मनाएं... तो फिर, विदेश से इम्पोर्ट करने की आवश्यकता क्या :)
जवाब देंहटाएंप्यार कभी ना हो आहत,
जवाब देंहटाएंबस इतना सा ख्याल रहे |
थोड़ा खट्टा थोड़ा मीठा,
अपना यूँ व्यवहार रहे |बहुत सामायिक कविता ,अतिउत्तम
सार्थक सन्देश दिया है अतिउत्तम
जवाब देंहटाएंप्रेमदिवस की शुभकामनाये !
जवाब देंहटाएंकुछ दिनों से बाहर होने के कारण ब्लॉग पर नहीं आ सका
माफ़ी चाहता हूँ
प्रिय अमित निवेदिता जी
जवाब देंहटाएंसादर सस्नेहाभिवादन !
बहुत सुंदर रचना है … प्रेम के सुंदर भाव
जुबां से पहले,
सुन ले दिल
आपसी तालमेल ऐसा ही होना चाहिए …
प्रेम की ऐसी अच्छी अभिव्यक्ति पढकर बहुत ख़ुशी हुई !
♥ ♥ प्रेम बिना निस्सार है यह सारा संसार !
♥ प्रणय दिवस की मंगलकामनाएं! :)
बसंत ॠतु की भी हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
बहुत खूब .....
जवाब देंहटाएंआपको ये खट्टा +मीठा प्यार मुबारक ......
वाह वाह यही है प्यार थोडा खट्टा थोडा मीठा.
जवाब देंहटाएंआँखों से पहले,
जवाब देंहटाएंबोल दे नज़र |
सुन्दर रचना