मंगलवार, 7 अप्रैल 2020

जले हुए खत

काजल से कतरे
तैरते हुए
हवा में
गोया
जले पंख
हो तितली के।

पर ये
तो खत
थे मेरे
जला कर
इश्तहार
कर दिये
तुमने।

#राखएकखतकी

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