बड़े बालों से हमे हमेशा ऊब रही। अब इधर कोई चारा न था और लंबे बालों में बहुत उलझन हो रही थी। यहां बहुत सारी पति प्रेमी स्त्रियों (दुर्लभ प्रजाति) ने अपने अपने पति की कटिंग कर डालने की बात बताई और कुछ ने सुझाव भी यही दिया।
अब हमारा भी प्रेरित होना लगभग तय ही हो रहा था। आज फिर मन कड़ा करके हमने भी निवेदन कर ही डाला कि प्रिये , मेरे बालों को अपने नाजुक हाथों से संवार दो। मैंने साजो सामान के तौर पर अपनी शेविंग किट की छोटी कैंची, उनकी सिलाई मशीन की बड़ी कैंची, उनका कंघा (मेरे पास कंघा नही है, कभी इस्तेमाल नही करता) उन्हें सौंप दिया।
एक पुरानी चादर के बीचों बीच एक बड़ा सा गोला काट कर उसमें अपना सिर घुसा कर अपने चारों ओर चादर ओढ़ लिया। अगर हेलमेट लगा लेते तो चन्द्र यात्री ही लगते। खैर।
अब डाइनिंग टेबल की कुर्सी पर बैठ कर सामने एक आईना रख लिया जिसमे सारी कार्यवाही मुझे दिखती रहे।
इन्होंने मेरे पीछे खड़े होकर कटिंग करना शुरू किया तो मेरा सिर बार बार नीचे झुक जा रहा था। उन्होंने मेरा सिर ऊपर करने के लिये मेरा एक कान अपनी मुट्ठी में यूँ पकड़ लिया जैसे वो कार के गियर शिफ्ट लीवर की मुठिया हो। अब उसी कान को पकड़े पकड़े मेरा सिर हर मनचाही दिशा में घुमाती रही और बड़ी कैंची से कचर कचर बाल काटती रही।
बीच बीच मे यह भी सुनने को मिलता रहा कि हिलाइये नही, कैंची एकदम गर्दन के पास है, आपके सिर में फ़ियास बहुत,आप रोज़ नहाते नही जैसे, बाल में धूल कितनी भरी। इससे ज्यादा सॉफ्ट और साफ बाल तो चेरी (इनकी ससुराल में बहुत पहले पली एक प्यारी सी पामेरियन )के थे।
जैसे ही मैं आइने में देखने की कोशिश करता कि कैसी कटिंग हो रही ,मेरा सिर ऊपर कर दिया जाता कि अब आखिरी में एक साथ ही देखिएगा।(एकदम आखिरी सुन डर बहुत लग रहा था)
बीच मे मैंने मोबाइल से सेल्फी लेने की कोशिश की तो वार्निंग भी मिलती रही कि यह सब फेसबुक पर न डालना है न कुछ लिखना है।
सब होने के बाद बोलीं ,उठिए अब ,हो गया।
चौंक कर आंख खोली तो सामने उन्हें खड़ा पाया, बोल रही थीं, उठिए अब खाना लग गया। पक्की गहरी नींद में थे और डरावना सपना टूट गया।
घबराकर आईना देखा जुल्फें जस की तस लहरा रही हैं। 😊
अब हमारा भी प्रेरित होना लगभग तय ही हो रहा था। आज फिर मन कड़ा करके हमने भी निवेदन कर ही डाला कि प्रिये , मेरे बालों को अपने नाजुक हाथों से संवार दो। मैंने साजो सामान के तौर पर अपनी शेविंग किट की छोटी कैंची, उनकी सिलाई मशीन की बड़ी कैंची, उनका कंघा (मेरे पास कंघा नही है, कभी इस्तेमाल नही करता) उन्हें सौंप दिया।
एक पुरानी चादर के बीचों बीच एक बड़ा सा गोला काट कर उसमें अपना सिर घुसा कर अपने चारों ओर चादर ओढ़ लिया। अगर हेलमेट लगा लेते तो चन्द्र यात्री ही लगते। खैर।
अब डाइनिंग टेबल की कुर्सी पर बैठ कर सामने एक आईना रख लिया जिसमे सारी कार्यवाही मुझे दिखती रहे।
इन्होंने मेरे पीछे खड़े होकर कटिंग करना शुरू किया तो मेरा सिर बार बार नीचे झुक जा रहा था। उन्होंने मेरा सिर ऊपर करने के लिये मेरा एक कान अपनी मुट्ठी में यूँ पकड़ लिया जैसे वो कार के गियर शिफ्ट लीवर की मुठिया हो। अब उसी कान को पकड़े पकड़े मेरा सिर हर मनचाही दिशा में घुमाती रही और बड़ी कैंची से कचर कचर बाल काटती रही।
बीच बीच मे यह भी सुनने को मिलता रहा कि हिलाइये नही, कैंची एकदम गर्दन के पास है, आपके सिर में फ़ियास बहुत,आप रोज़ नहाते नही जैसे, बाल में धूल कितनी भरी। इससे ज्यादा सॉफ्ट और साफ बाल तो चेरी (इनकी ससुराल में बहुत पहले पली एक प्यारी सी पामेरियन )के थे।
जैसे ही मैं आइने में देखने की कोशिश करता कि कैसी कटिंग हो रही ,मेरा सिर ऊपर कर दिया जाता कि अब आखिरी में एक साथ ही देखिएगा।(एकदम आखिरी सुन डर बहुत लग रहा था)
बीच मे मैंने मोबाइल से सेल्फी लेने की कोशिश की तो वार्निंग भी मिलती रही कि यह सब फेसबुक पर न डालना है न कुछ लिखना है।
सब होने के बाद बोलीं ,उठिए अब ,हो गया।
चौंक कर आंख खोली तो सामने उन्हें खड़ा पाया, बोल रही थीं, उठिए अब खाना लग गया। पक्की गहरी नींद में थे और डरावना सपना टूट गया।
घबराकर आईना देखा जुल्फें जस की तस लहरा रही हैं। 😊
Sapne me sachhai kahi ya sachhhai me sapna, kissa kisi aur ka hai ya fir aapka apna
जवाब देंहटाएंमहोदय का सपना, हमारी हकीकत ...
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