हवाई जहाज
हवा में नही
बादल में तैरते हैं।
नाव
पानी मे नहीं
लहरों पे चलती है।
ठोकर
पाँव में नही
कदमो में लगती है।
चोट
दिल को नही
अहम को लगती है।
ज़िक्र
तेरा नही
तेरे तेवर का होता है।
*इश्क
तुझसे नही
तेरे तेवर से है।*
( आसमान पर कुछ लफ्ज़ बिखेर दिए हैं। जब तक उतरूंगा छप चुके होंगे धरती पर)
समय 17.20 (सिंगापुर)
*****14.50(लखनऊ)
हवा में नही
बादल में तैरते हैं।
नाव
पानी मे नहीं
लहरों पे चलती है।
ठोकर
पाँव में नही
कदमो में लगती है।
चोट
दिल को नही
अहम को लगती है।
ज़िक्र
तेरा नही
तेरे तेवर का होता है।
*इश्क
तुझसे नही
तेरे तेवर से है।*
( आसमान पर कुछ लफ्ज़ बिखेर दिए हैं। जब तक उतरूंगा छप चुके होंगे धरती पर)
समय 17.20 (सिंगापुर)
*****14.50(लखनऊ)
बहुत सुन्दर
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