उनकी पसंद,
खुशबू,
सबेरे के अखबार की,
पहली बरसात की,
पिसी मेहंदी की,
जले दूध की,
भीगे कोहरे की,
तिल के पुए की,
भीगी सड़क की,
सावन की रात की,
और नींबू के अचार की,
मेरी पसंद,
खुशबू,
उनके साथ की,
उनके जज़्बात की,
उनकी बात की,
उनके गेसू की,
उनके टेसू की,
उनके शिकवे की,
उनके शिकायत की,
उनके अंदाज़ की,
खुशबू,
"उनकी खुद की |"
"बस वो महकते रहें,हम बहकते रहें....|"
Gazab... Kya Pasand hai dono kee
जवाब देंहटाएंक्या बात है...बेहतरीन!!
जवाब देंहटाएंवाह बहुत ख़ूबसूरती से खुशबु और जज्बात का चित्रण किया है ....सब कुछ अलग अंदाज में कह दिया .
जवाब देंहटाएंक्या जलवे हैं जी। :)
जवाब देंहटाएंक्या बात क्या बात क्या बात
जवाब देंहटाएंअमित जी जवाब नहीं आपका बेहतरीन
बहुत खूबसूरत है दोनों खुशबू ...
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर हैं दोनों नदियाँ, संगम बना रहे।
जवाब देंहटाएंकाश ऐसा बहकना हर किसी की किस्मत में हो ...
जवाब देंहटाएंगहरे भाव में डूब के लिखी मस्त रचना ...
वाह!
जवाब देंहटाएंबेहतरीन।
excellent!!!!!!!!!!
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत सुन्दर रचना..
खुशबू,
जवाब देंहटाएंउनके साथ की,
उनके जज़्बात की,
उनकी बात की,waah gajab ka expression amit jee.
bahut khoobsurat... waah mahakna...waah bahakna... shubhkaamnaayen.
हटाएंवाह बेहद खूबसूरत अन्दाज़ है ।
जवाब देंहटाएंअत्यधिक सुन्दर ..ये बताना मुश्किल है की किसकी पसंद ज्यादा अच्छी है ..
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें..
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है
kalamdaan.blogspot.com
लाजवाब रचना...बेहद खूबसूरत लफ्जों में आपने अपने एहसासों को दर्शाया है...
जवाब देंहटाएंबहुत ही मनोहारी कविता है ....
जवाब देंहटाएंbahut sundar abhivyakti ...
जवाब देंहटाएंshubhkamnayen ..
सच में मनभावन शब्द रचना :)))
जवाब देंहटाएंanokhi rachna ...kitni ala hai unki har baat se meri har baat ..fir bhi unki har baat se mere jajbaat jud jaate hain..wonderful creation!!!!
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