मंगलवार, 31 दिसंबर 2013

'एक और साल' धकेला पीछे ......


पिछले साल भी यहीं खड़े थे जब २०१२ को विदा कर रहे थे और २०१३ के लिए सबको शुभकामनायें दे और ले रहे थे और आज फिर वही मुकाम और मौका बस लेन देन का । क्या किया पिछले एक बरस में ,कुछ भी तो नहीं ,वही रोजमर्रा की ज़िन्दगी । बस अपने और अपनों के लिए जीना ,न कभी अपनों के अलावा किसी के लिए कुछ सोचा ,न किया । लगता है जैसे हम आगे नहीं बढ़ रहे हैं बल्कि हम साल भर इस पूरे समूचे साल को पीछे धकेलते रहते हैं और हमें गुमान होता है कि हम आगे बढ़ रहे हैं ।

कुछ सवाल जिनकी कसौटी पर मैं खुद को खरा नहीं पाता :

१. क्या मेरे किसी कार्य से किसी अनजान के चेहरे पर ख़ुशी आ पाई !

२. क्या मैंने कोई ऐसा कार्य किया जिसके लिए न रहने पर भी मुझे याद किया जाए !

३. क्या समाज में व्याप्त किसी रूढ़ि को तोड़ पाने में सफल हुआ !

४.  क्या कोई ऐसा कार्य किया जो अन्य लोगों के लिए अनुकरणीय हो !

५. क्या किसी अनजान अशिक्षित को शिक्षित करने में कोई योगदान किया !

६. क्या कभी रक्तदान किया ।

७. क्या बिना स्वार्थ के किसी की कोई मदद की ।

८. क्या कभी किसी रोते हुए को चुप कराने का सामर्थ्य जुटा पाये !

९. क्या सक्षम होते हुए भी कभी मदद न कर पाने का बहाना नहीं किया !

१०. क्या कभी जानते हुए भी गलत बात को जोर देकर सच साबित करने का प्रयास नहीं किया ।

उपरोक्त सभी बिदुओं पर मै पूरे साल असफल रहा ,बस एक बार रक्तदान अवश्य किया । इसके अतिरिक्त इस साल ऐसा कोई काम मैंने नहीं किया जिस पर आप लोग 'वाह' कह सकें । अपने परिवार का भरण पोषण तो जो मनुष्य नहीं है ,वह भी कर लेते हैं ।

अब नए साल पर फिर वही शुभकामनाओं का दौर ,पता नहीं क्यों सब खोखला सा लगता है ।  

11 टिप्‍पणियां:

  1. hmmm..यह पोस्ट पढ़कर एक अपराधबोध ने घेर लिया। सोचा, समझा, फिर बढ़ चले। क्या बदला कुछ भी तो नहीं ।

    जवाब देंहटाएं
  2. इसे पढ़कर अपने भीतर झाँका तो झट खुद से आँख फेर ली......
    मगर एक नजरिया और भी है -
    कि मेरी वजह से किसी की आँखें नहीं रोयीं..
    मैंने कुछ ऐसे काम किये जो मुझे पसंद थे|
    अनजान नहीं मगर अपनों की सेवा की उनके करीब रहे ये क्या कम है.....
    किसी की मदद न कर पाए तो क्या,किसी का हक भी नहीं छीना |
    समाज की कोई रूढी नहीं तोड़ी मगर कोई ऐसा काम नहीं किया कि समाज स्वीकार न करे...

    आशाओं का दामन क्यूँ छोड़ें...जीने की एक वजह खोजें तो अगले वर्ष कुछ ठोस कदम ज़रूर उठा पायेंगे हम सभी :-)

    ढेर सारी शुभकामनाएं............wish you a happy happy new year !!
    सादर
    अनु

    जवाब देंहटाएं
  3. आत्मावलोकन से हम नज़र चुराते है , छद्म उपलब्धियों पर इतराते है .

    जवाब देंहटाएं
  4. खुद को यूँ आइना दिखा पाएं तो जाने कितना कुछ बदल जाये.... विचारणीय बिंदु है हम सबके लिए

    जवाब देंहटाएं
  5. आपकी इस प्रस्तुति को आज की बुलेटिन अलविदा 2013 और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।

    जवाब देंहटाएं
  6. आत्मचिंतन हेतु प्रेरित करती पोस्ट...
    आभार!

    शुभकामनाएं!

    जवाब देंहटाएं
  7. आत्मावलोकन केलिए प्रेरित करती पोस्ट !हर व्यक्ति यदि यह आत्मावलोकन करे तो वह दुसरे की भलाई कर सके या न कर सके ,बुरा तो नहीं करेगा !
    नया वर्ष २०१४ मंगलमय हो |सुख ,शांति ,स्वास्थ्यकर हो |कल्याणकारी हो |
    नई पोस्ट नया वर्ष !
    नई पोस्ट मिशन मून

    जवाब देंहटाएं
  8. सब कुछ पढ़ने और समझने के बाद भी ये ही कहूँगी कि.....नए साल की शुभकामनाएँ

    जवाब देंहटाएं
  9. ये तो गये साल की बात हो गयी। इस साल के लिये शुभकामनायें।

    जवाब देंहटाएं