गुरुवार, 23 फ़रवरी 2012

" खुश करती खुशबू ......"

अहसास,
कि तुम मिलोगी,
ये आभास,
कि तुम मिलोगी,
ये ख़याल,
कि तुम होगी,
और रोज़ की तरह,
खिलखिलाती,
मींच आँखे,
सकुचाते,
लजाते,
यह कहोगी,
नहीं थे आप,
सूना था सब,
फिर मन ही मन,
खुश होना तुम्हारा ,
निहारना,
और बिखेर देना,
आँखों से अपनी,
एक खुशबू,
जो घुल सी जाती है,
मेरी साँसों में |  
और,
यही साँसे,
हो जाती है,
बे-खुशबू,
उदास हो,
चलती हैं,
फिर हवाएं,
दीवारें लगती हैं ,
जकड़ने ,
जब कह,
निकलती हो,
तुम कि,
अच्छा,
हम चलते हैं |

19 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर...
    प्यारी सी रचना...आखरी पंक्ति को छोड़ कर..
    :-)

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  2. अभी ना जाओ छोड़ के...ये दिल भी कभी भरा है...

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  3. अभी ना जाओ छोड़ के...ये दिल भी कभी भरा है...

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  4. प्यार में कभी-कभी ऐसा भी हो जाता है :)सुंदर भाव संयोजन से सजी सुंदर रचना

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  5. फिर मन ही मन,
    खुश होना तुम्हारा ,
    निहारना,
    और बिखेर देना,
    आँखों से अपनी,
    एक खुशबू....

    वाह खुशबू का बिखरना वह भी आँखों से जवाब नहीं आपकी सोच का...
    बहुत खूबसूरत अहसास....

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  6. कल शनिवार , 25/02/2012 को आपकी पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .

    धन्यवाद!

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  7. सुंदर और कोमल एहसास के साथ लिखी गई रचना ...

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  8. एक तेरे आना भी तेरे जाने से कम न था...

    खूबसूरत अहसास....

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  9. आशाओं का लहरों की तरह बनना, ऊँचा उठना और अन्ततः किनारों पर आकर नतमस्तक हो जाना, लहरों को इसकी आदत जो पड़ गयी है।

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  10. बिखेर देना,
    आँखों से अपनी,
    एक खुशबू,
    जो घुल सी जाती है,
    मेरी साँसों में |
    और,......कोमल अहसासों से सजी रचना....बढ़िया...

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  11. यादें जब पिघलती हैं तो एहसास बन जाती हैं

    और एहसास जब कागज़ पर उतरता हैं

    तो बस यूँ ही.....कविता में तेरी खुशबू मिल जाती हैं

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  12. सुन्दर सृजन , बधाई.

    मेरे ब्लॉग meri kavitayen की नवीनतम प्रविष्टि पर आप सादर आमंत्रित हैं.

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  13. Very beautifully written. I am amazed how could you write your emotions so softly. You are a beautiful poet.

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