"शब्द भीतर रहते हैं तो सालते रहते हैं, मुक्त होते हैं तो साहित्य बनते हैं"। मन की बाते लिखना पुराना स्वेटर उधेड़ना जैसा है,उधेड़ना तो अच्छा भी लगता है और आसान भी, पर उधेड़े हुए मन को दुबारा बुनना बहुत मुश्किल शायद...।
सुन्दर अभिव्यक्ति..kalamdaan.blogspot.in
umdaa rachnaa
बहुत सुन्दर..नाज़ुक से भाव...सादर.
गहरे बोलते उभरे आँसू..
खूबसूरत भाव...
बहुत सुंदर ...
चेहरे पे नमक ...लावण्य को इतनी सादगी और सुंदरता से व्यक्त किया आपने ...आभार
गुनगुने आंसू हथेलियों का स्पर्श पाकर गुनगुना उठे.... वाह.... लाज़वाब
गुनगुने आंसू ,गर जो पा जाए,हथेलियाँ,सूखने से पहले ,गुनगुना उठते हैं,कुछ बोल मोहब्बत के |... वरना खारे खारे ही होते हैं
अनुपम भाव संयोजन लिए ...बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
बेहतरीन है सर!सादर
गज़ब गज़ब गज़ब …………क्या भाव भरे हैं।
बहुत बहुत खूबसूरत ..
इस भावपूर्ण रचना के लिए बधाई स्वीकारेंनीरज
sunder bhaav ...sunder rachna ...
बहुत ही सुन्दर.गहन भावाभिव्यक्ति बेहतरीन रचना...:-)
इस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट को शामिल किया गया है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - आंखों पर हावी न होने पाए ब्लोगिंग - ब्लॉग बुलेटिन
गहरे भाव।
गुनगुने आंसू गुनगुना उठते हैं ....हथेलिया पाकर ....सूखने से पहले ...वर्ना पत्थर हो जाते हैं ....
गुनगुने आंसू से बुनी मुहब्बत की कहानी ... बहुत ही लाजवाब रचना ...
बेहतरीन भाव ...
लाज़वाब...बहूत ही उत्कृष्ट अभिव्यक्ति..आभार
इतनी खूबसूरत परिभाषा आंसुओं की कि बस पलकों पर ही ठहरे रहे !बहुत बढ़िया !
सुन्दर अभिव्यक्ति..
जवाब देंहटाएंkalamdaan.blogspot.in
umdaa rachnaa
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर..
जवाब देंहटाएंनाज़ुक से भाव...
सादर.
गहरे बोलते उभरे आँसू..
जवाब देंहटाएंखूबसूरत भाव...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर ...
जवाब देंहटाएंचेहरे पे नमक ...लावण्य को इतनी सादगी और सुंदरता से व्यक्त किया आपने ...आभार
जवाब देंहटाएंगुनगुने आंसू हथेलियों का स्पर्श पाकर गुनगुना उठे.... वाह.... लाज़वाब
जवाब देंहटाएंगुनगुने आंसू ,
जवाब देंहटाएंगर जो पा जाए,
हथेलियाँ,
सूखने से पहले ,
गुनगुना उठते हैं,
कुछ बोल मोहब्बत के |... वरना खारे खारे ही होते हैं
अनुपम भाव संयोजन लिए ...बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन है सर!
जवाब देंहटाएंसादर
गज़ब गज़ब गज़ब …………क्या भाव भरे हैं।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत खूबसूरत ..
जवाब देंहटाएंइस भावपूर्ण रचना के लिए बधाई स्वीकारें
जवाब देंहटाएंनीरज
sunder bhaav ...sunder rachna ...
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर.
जवाब देंहटाएंगहन भावाभिव्यक्ति
बेहतरीन रचना...:-)
इस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट को शामिल किया गया है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - आंखों पर हावी न होने पाए ब्लोगिंग - ब्लॉग बुलेटिन
जवाब देंहटाएंगहरे भाव।
जवाब देंहटाएंगुनगुने आंसू गुनगुना उठते हैं ....
जवाब देंहटाएंहथेलिया पाकर ....
सूखने से पहले ...
वर्ना पत्थर हो जाते हैं ....
गुनगुने आंसू से बुनी मुहब्बत की कहानी ... बहुत ही लाजवाब रचना ...
जवाब देंहटाएंबेहतरीन भाव ...
जवाब देंहटाएंलाज़वाब...बहूत ही उत्कृष्ट अभिव्यक्ति..आभार
जवाब देंहटाएंइतनी खूबसूरत परिभाषा आंसुओं की कि बस पलकों पर ही ठहरे रहे !
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया !