रिश्तों में,
इतनी,
सीलन,
कि,
शब्दों में भी,
झलकती है,
फफूंद |
कोशिश,
की,
स्मृतियों,
की,
धूप,
से,
गर्माहट,
मिले,
थोड़ी |
पर,
नहीं,
वो तो,
अमादा है,
पुराना,
कुछ भी,
ना रखने को,
ना सीलन,
ना फफूंद,
ना जाले सरीखे,
यादें |
"रिश्ते भी खुली हवा में ही पनपते हैं शायद,अन्यथा सीलन और फ़फ़ूंद तो उनमें लगनी ही है । "
bahut hi badhiya
जवाब देंहटाएंकम शब्दों में जीवन का सत्य उघाड़ कर रख दिया।
जवाब देंहटाएंरिश्तों में,
जवाब देंहटाएंइतनी,
सीलन,
कि,
शब्दों में भी,
झलकती है,
फफूंद |बहुत ही अच्छी पंक्तिया.....
जो रिसता रहे शायद वही रिश्ता है.अच्छी लगी.
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया सर!
जवाब देंहटाएं-----
कल 12/10/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
रिश्तो की सच्चाई बयाँ कर दी।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन अभिव्यक्ति ..
जवाब देंहटाएंकुछ पंक्तियाँ ..पर एकदम सटीक.
जवाब देंहटाएंनहीं,
जवाब देंहटाएंवो तो,
अमादा है,
पुराना,
कुछ भी,
Bhaut umda.....
-Mere Shabd
रिश्तों में,
जवाब देंहटाएंइतनी,
सीलन,
कि,
शब्दों में भी,
झलकती है,
फफूंद |
पर,
नहीं,
वो तो,
अमादा है,
पुराना,
कुछ भी,
ना रखने को,
ना सीलन,
ना फफूंद,
ना जाले सरीखे,
यादें |
"रिश्ते भी खुली हवा में ही पनपते हैं शायद,अन्यथा सीलन और फ़फ़ूंद तो उनमें लगनी ही है । "
एकदम सही कहा आपने....
पूर्ण सहमति...!!
बहुत सही लिखा है |रिश्ते कैसे निभाएं और उनका अहसास कैसा हो बहुत मायने रखता है |कभी वे पनपने की जगह सीलन से खराब भी हो जाते हें |आशा
जवाब देंहटाएंsach hai rishte khulepan me hi saans le pate hai.....
जवाब देंहटाएंristo ki gahrayi ko bayaan karati huyi,,
जवाब देंहटाएंbahut hi sundar rachana hai ..
बहुत खूब .....
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें !
रिश्तों का सच सुन्दरता से लिखा है!
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