पहली पहली बार,
कि,
एक कशिश सी हुई,
सो कोशिश की,
कुछ कहने की,
पर कह पाना,
था मुश्किल,
सो लिख दिया,
पर लबों को सी दिया,
अपना ही लिखा मैंने,
पढ़ा बार बार,
उनने ये सोचा होगा,
या वो सोचा होगा,
जवाब आयेगा भी,
कि नहीं आएगा,
जवाब तो आया भी,
खुश्बू भी थी लिफाफे में,
पर ख़त में,
फलसफा था,
एक हकीकत का,
उनके लफ़्ज़ों में,
"वास्तविक जीवन का" |
"कवि हृदय नाजुक-मना होते हैं ,handle with care and keep bosom side up."
साभार :zealblogspot.com
disclaimer:इस रचना के सभी पात्र काल्पनिक हैं,वास्तविक जीवन से किसी का कोई लेना देना नहीं है|
पर ख़त में,
जवाब देंहटाएंफलसफा था,
एक हकीकत का,
उनके लफ़्ज़ों में,
"वास्तविक जीवन का" |
hmm...quite realistic !
.
लबों .......लवों
जवाब देंहटाएंउनने ......उसने
जवाब .....जबाब
जवाबा ....जबाब
बुरा न माने तो इन शब्दों को कृपया ठीक कर लें
जब प्रेम चाहा दर्शन मिला, जब दर्शन चाहा तो पर्दा।
जवाब देंहटाएंआदरणीय केवल जी ,एक त्रुटि थी ’जवाबा" उसे ठीक कर ’जवाब" कर दिया है,परंतु ’लब’ और ’जवाब" सही हैं ’लव’ का अर्थ ’छोटा’ होता है और ’जबाब’ गलत है ,जहां तक ’उनने’ का प्रश्न है ’उनने’ से आयु वश सम्मान की झलक मिल रही है ’उसने’ से तनिक बालपन झलकता है। इतना मेरा ध्यान रखने के लिये आपका बहुत बहुत धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंvastwik jivan ka falsafa ...phir to zaruri hai manna
जवाब देंहटाएंdisclaimer:इस रचना के सभी पात्र काल्पनिक हैं,वास्तविक जीवन से किसी का कोई लेना देना नहीं है|
जवाब तो आया भी,
जवाब देंहटाएंखुश्बू भी थी लिफाफे में,
पर ख़त में,
फलसफा था,
एक हकीकत का,
उनके लफ़्ज़ों में,
"वास्तविक जीवन का" |
sundar rachna badhai
अच्छी भावनाएं।
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना।
शुभकामनाएं आपको।
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
जवाब देंहटाएंप्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (28-3-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com/
खूबसूरत और भावमयी प्रस्तुति|धन्यवाद्|
जवाब देंहटाएंएक कशिश सी हुई,
जवाब देंहटाएंसो कोशिश की,
कुछ कहने की,
पर कह पाना,
था मुश्किल,
सो लिख दिया,....
सुन्दर कविता..
बेहद कोमल सुंदर रचना और सुंदर भाव !
बहुत बढ़िया.
जवाब देंहटाएंहम बहुत बार जो सोचते हैं, वो असल में होता नहीं. हकीकत का लिफाफा जितनी जल्द मिल जाए उतना ही अच्छा.
आपकी कलम को सलाम.
खूबसूरत रचना ..
जवाब देंहटाएंसंवेदना से भरपूर एक आत्मीय सी रचना ! बहुत ही सुन्दर ! बधाई स्वीकार करें !
जवाब देंहटाएंसुन्दर कविता..
जवाब देंहटाएंबेहद कोमल सुंदर रचना और सुंदर भाव !
रंगों का त्यौहार बहुत मुबारक हो आपको और आपके परिवार को|
जवाब देंहटाएंकई दिनों व्यस्त होने के कारण ब्लॉग पर नहीं आ सका
बहुत देर से पहुँच पाया ....माफी चाहता हूँ..