और बीतेंगे अभी कितने बरस |
पर स्मृतियों के ढेर में शेष है ,
वो रंगी-पुती सलोनी सूरत आज भी |
क्योंकि वो विशेष है ,
दोनों ही थे उम्र की उस दहलीज पर ,
जब होशो हवास खोना ,
सब कुछ पा जाने जैसा लगता था |
और मन को कोई बस यूँ ही ,
भाने लगता था |
उसकी एक झलक की ,
ललक लिए ,
सारे दिन घर के जीने पर ,
बस साँसों का आरोह अवरोह ,
किया करता था |
अक्सर आधे जीने से ही ,
जब वह दिख जाया करती थी ,
मेरा तो जीना हो जाया करता था |
पर जब पूरा जीना चढ़ने पर भी ,
ना दिखती वह बगल की मुंडेर पे ,
सच मेरा जीना जाया लगता था |
ये लुकाछिपी होती थी कुछ पलों की ,
परन्तु उन पलों में कैद रहती ,
तमाम चेष्टाएँ ,कल्पनाएँ,योजनायें ,
और इसी बीच आ गई थी होली |
कौन सा रंग उस पे फबेगा ,
कितना मैंने सोचा था |
पहले पहले उसे रंग मै ही लगाऊँगा ,
यह भी चाहत थी मन की |
सबकी नज़रों से छुपते बचाते ,
मै पहुंचा था ,
दबे पाँव उसके पीछे |
पर यह क्या ,
उसके गाल तो सुर्ख लाल ,
हो रहे थे बगैर रंग के ही |
मैंने पूछा था यह कैसे ,
उसने कहा था पिघलती आवाज़ में ,
"आप रंग वहां घोल रहे थे ,
और उसकी सुर्खी लाज बन ,
उभर रही थी मेरे गालों पे" ,
उस प्राकृतिक लाज के रंग पर ,
मै फिर कोई और रंग ना लगा सका था |
क्योंकि लाज का रंग ही ,
फब रहा था ,
उस पर इतना |
"होली की हार्दिक शुभकामनाएं "
बहुत सुन्दर शब्द चुने आपने कविताओं के लिए..
जवाब देंहटाएंहोली की सपरिवार रंगविरंगी शुभकामनाएं |
जवाब देंहटाएंकई दिनों व्यस्त होने के कारण ब्लॉग पर नहीं आ सका
हार्दिक शुभकामनायें ..... हैप्पी होली
जवाब देंहटाएंपहले पहले उसे रंग मै ही लगाऊँगा ,
जवाब देंहटाएंयह भी चाहत थी मन की |
सबकी नज़रों से छुपते बचाते ,
जीवन में यह भाव भी रंग की तरह चढ़ जाता है ...और फिर उतरने का नाम नहीं लेता ...आपने बहुत सुन्दरता से इस भाव को अभिव्यक्त किया है ...आपका आभार
लाज के रंग जब होली के रंगों से भी अधिक गहरे हो जायें तो होली आनन्दपूर्णा हो जाती है।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर। होली की सपरिवार हार्दिक शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया ...होली की हार्दिक शुभकामनायें आपको भी
जवाब देंहटाएंक्या बात है सर! बहुत ही बढ़िया .
जवाब देंहटाएंआपको होली की सपरिवार हार्दिक शुभ कामनाएं!
सादर
कितने बरस बीत गए ,
जवाब देंहटाएंऔर बीतेंगे अभी कितने बरस |
पर स्मृतियों के ढेर में शेष है ,
वो रंगी-पुती सलोनी सूरत आज भी |
क्योंकि वो विशेष है ,
दोनों ही थे उम्र की उस दहलीज पर ,
जब होशो हवास खोना ,
सब कुछ पा जाने जैसा लगता था |...bahut hi badhiyaa , holi ki shubhkamnayen
आप सभी को होली की हार्दिक शुभकामनाये
जवाब देंहटाएंबेहतरीन शब्द रचना ...होली की शुभकामनाएं ।
जवाब देंहटाएंवाह्……………भावों को उंडेल दिया है…………अब इससे बढकर और कौन सा रंग होगा………………होली की हार्दिक शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर ! होली की ढेर सारी शुभ कामनाये !.
जवाब देंहटाएं"आप रंग वहां घोल रहे थे ,
जवाब देंहटाएंऔर उसकी सुर्खी लाज बन ,
उभर रही थी मेरे गालों पे" ,
उस प्राकृतिक लाज के रंग पर ,
मै फिर कोई और रंग ना लगा सका था |
क्योंकि लाज का रंग ही ,
फब रहा था ,
उस पर इतना |
बहुत सुन्दर भाव...बहुत प्रेममयी रचना..होली की हार्दिक शुभकामनायें!
आपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (19.03.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.blogspot.com/
जवाब देंहटाएंचर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)
तेरे रंग का रंग चढ़ा ऐसा... और कोई रंग चढे ना ॥ होली की बधाई॥
जवाब देंहटाएंलाज का रंग मुबारक आपको ....!!
जवाब देंहटाएंयह रंग अनमोल है ....
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें होली पर !!
आपको और परिवार को शुभकामनायें अमित भाई !
जवाब देंहटाएंसुंदर भाव से सुसज्जित रचना
जवाब देंहटाएंसुरक्षित , शांतिपूर्ण और प्यार तथा उमंग में डूबी हुई होली की सतरंगी शुभकामनायें ।
आप को सपरिवार होली की हार्दिक शुभ कामनाएं.
जवाब देंहटाएंसादर
आप को सपरिवार होली की हार्दिक शुभ कामनाएं
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर .....
जवाब देंहटाएंहोली की बहुत बहुत शुभकामनायें।
आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति ...लाज का रंग हर रंग पर भारी ...
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना के लिए स्वीकारिए बधाई।
जवाब देंहटाएंदिनों-दिन आपका लेखन पाए उँचाई॥
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होली मुबारक़ हो। सद्भावी -डॉ० डंडा लखनवी
वाह! लाज के रंग का स्टाक क्लियर नहीं हुआ अभी तक! बधाई! होली मुबारक!
जवाब देंहटाएंhmm...quite romantic..
जवाब देंहटाएंसुन्दर भाव सुन्दर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंहोली की समस्त शुभकामनाये.
रंग और लाज के रंग ....क्या सुन्दर भाव चित्र उकेरा है !
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर ......
होली की बहुत-बहुत बधाई ....
क्या बात है जीजाजी!...बहुत बढ़िया.....
जवाब देंहटाएंहोली की बहुत-बहुत बधाई..
यादो मे सिमट के आ गई जिंदगी पुऩः...
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