कोशिश की,
नाकामयाब रहा |
दूसरी कोशिश,
सबका हो जाऊं,
नाकामयाब ही रहा |
कसूर मेरा ही होगा शायद,
सबको अपना और,
सबका खुद को,
बनाने की चाहत में,
हर किसी पे,
न्योछावर होता गया |
चाहा था बस
सभी की पलकों में,
अपनी झलक,
बस दो पल भर को |
पर मिला मौन,
दो पलों का,
सभी से |
और मै,
जीते जी,
मरता गया|
हर किसी पे,
न्योछावर होता गया |
चाहा था बस
सभी की पलकों में,
अपनी झलक,
या होती मेरी पलकों में,
उन सभी की झलक,बस दो पल भर को |
पर मिला मौन,
दो पलों का,
सभी से |
और मै,
जीते जी,
मरता गया|
सबको खुश रखकर खुद भी खुश रहना ....मुश्किल है....
जवाब देंहटाएंJust be yourself ! I like you the way you are !
जवाब देंहटाएंबहुत गहरी पीड़ा होती है सरलमना होकर भी दुनिया में खप न पाना। आप जैसे हैं, बने रहें, समय आयेगा तब लोगों को अपने आँसू टपकाने के लिये आपके कंधों की आवश्यकता होगी। बहुत स्पष्ट कविता।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर जज़्बात. सुंदर सन्देश देती बढ़िया प्रस्तुती
जवाब देंहटाएंचाहा था बनूं प्यार की राहों का देवता...
जवाब देंहटाएंसबको अपना और,
जवाब देंहटाएंसबका खुद को,
बनाने की चाहत में,
हर किसी पे,
न्योछावर होता गया |
aur badnaam hota gaya ... shayad kasoor yahi raha
सबको अपना और,
जवाब देंहटाएंसबका खुद को,
बनाने की चाहत में,
हर किसी पे,
न्योछावर होता गया |
यह इस जालिम दुनिया का सबसे बड़ा कसूर है अच्छी अभिव्यक्ति
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
जवाब देंहटाएंप्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (7-3-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com/
सब को सब समय अपना बनाना कठिन है बंधु :)
जवाब देंहटाएंसबको तो भगवान भी खुश नहीं रख पाता ...बहुत अच्छी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसबको खुश रखना तो कठिन ही नहीं असंभव है ...
जवाब देंहटाएंजितना बन पड़े करना और वह करना जिसमे हमें भी ख़ुशी मिले , बस वही ठीक है !
अच्छी रचना!
jeewan isi ka naam hai shayad....
जवाब देंहटाएंक्या आप भी अपने आपको इन नेताओं से बेहतर समझते हैं ???
बहुत ही सुन्दर शब्द ।
जवाब देंहटाएंकोशिश की,
जवाब देंहटाएंसब को,
अपना बना लूँ,
नाकामयाब रहा |
दूसरी कोशिश,
सबका हो जाऊं,
नाकामयाब ही रहा |
कसूर मेरा ही होगा शायद, .....
बहुत सुन्दर एवं मर्मस्पर्शी रचना !
शुभकामनायें एवं साधुवाद !
सच है सभी को खुश रख पाना आसान नहीं होता ... पर दिल तो चाहता ही है ...
जवाब देंहटाएंअच्छी संवेदनशील रचना ...
सबको खुश रखते हुए खुद भी खुश रहना आजकल बहुत मुश्किल है..बहुत भावपूर्ण सुन्दर रचना..
जवाब देंहटाएंदुनिया बहुत ज़ालिम है जनाब दिल तोद के हस्ती है.
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति,भावपूर्ण.
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