मंगलवार, 9 नवंबर 2010

ओ, बी.ए.,एम.ए. या ओबामा

        विवाह के पहले मेरी श्रीमती जी केवल बी.ए.  और आधा एम.ए.पास थीं।शर्तिया उन्हें मेरी योग्यता से कुछ बढ़त बनानी थी सो बाद में उन्होने एम.ए. भी पूरा कर लिया।फ़िर क्या था,मै केवल बी.ई. और वह बी.ए.,एम.ए. दोनों।
         मैने सोचा यार अब तो इन्हे कुछ सम्मान देना अति आवश्यक हो गया है,सो मैने सम्मानवश  उनका नाम लेना छोड़ दिया और प्रायः "ओ बीए एमए" कहने लगा।सब कुछ सामान्य सा चल रहा था,पर मैने यह महसूस किया कि इस नाम से पुकारने के बाद से वह दिन प्रतिदिन कुछ अधिक प्रभावशाली होने लगी एवं बात बात में वीटो का इस्तेमाल कर बच्चों के आगे मेरी हालत बिल्कुल एक छोटा देश जैसी (जो कतई कर्ज़ मे डूबा हो) बना दी। मेरी समझ में कुछ नही आ रहा था कि क्या कारण है,अचानक पुकारने के नाम बदलने से इनमे इतनी सत्तात्मक शक्ति  कंहा से आ गई।
             आज अचानक समझ आया कि अपने पैर पर कुल्हाड़ी तो मैने खुद ही मारी है। मै उन्हें ओ बीए एमए नही "ओबामा" (OBAMA)  कहे जा रहा था,फ़िर नाम का तो असर होना ही था।
               अब तत्काल प्रभाव से मैने उन्हें उनके ही घर के नाम से "बेबी" कहना शुरु कर दिया है जिससे जल्दी से जल्दी वह अपने स्वभाविक रूप में आ जाए।       (बेबी उर्फ़ निवेदिता उर्फ़ शिखा बुरा मत मानना please)

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