रविवार, 6 मार्च 2011

"व्यथित मन"

कोशिश की, 
 
सब को,
अपना बना लूँ,
नाकामयाब रहा |
दूसरी कोशिश, 
सबका हो जाऊं, 
नाकामयाब ही रहा |
कसूर मेरा ही होगा शायद, 
सबको अपना और,
सबका खुद को,
बनाने की चाहत में,
हर किसी पे,
न्योछावर होता गया |
चाहा था बस
सभी की पलकों में,
अपनी झलक,
या होती  मेरी पलकों में,
उन सभी की झलक,
बस दो पल भर को |
पर मिला मौन,
दो पलों  का,
सभी से |
और मै,
जीते जी,
मरता गया|

18 टिप्‍पणियां:

  1. सबको खुश रखकर खुद भी खुश रहना ....मुश्किल है....

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत गहरी पीड़ा होती है सरलमना होकर भी दुनिया में खप न पाना। आप जैसे हैं, बने रहें, समय आयेगा तब लोगों को अपने आँसू टपकाने के लिये आपके कंधों की आवश्यकता होगी। बहुत स्पष्ट कविता।

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुंदर जज़्बात. सुंदर सन्देश देती बढ़िया प्रस्तुती

    जवाब देंहटाएं
  4. चाहा था बनूं प्यार की राहों का देवता...

    जवाब देंहटाएं
  5. सबको अपना और,
    सबका खुद को,
    बनाने की चाहत में,
    हर किसी पे,
    न्योछावर होता गया |
    aur badnaam hota gaya ... shayad kasoor yahi raha

    जवाब देंहटाएं
  6. सबको अपना और,
    सबका खुद को,
    बनाने की चाहत में,
    हर किसी पे,
    न्योछावर होता गया |
    यह इस जालिम दुनिया का सबसे बड़ा कसूर है अच्छी अभिव्यक्ति

    जवाब देंहटाएं
  7. आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
    प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
    कल (7-3-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
    देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
    अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।

    http://charchamanch.blogspot.com/

    जवाब देंहटाएं
  8. सबको तो भगवान भी खुश नहीं रख पाता ...बहुत अच्छी प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  9. सबको खुश रखना तो कठिन ही नहीं असंभव है ...
    जितना बन पड़े करना और वह करना जिसमे हमें भी ख़ुशी मिले , बस वही ठीक है !
    अच्छी रचना!

    जवाब देंहटाएं
  10. कोशिश की,

    सब को,
    अपना बना लूँ,
    नाकामयाब रहा |
    दूसरी कोशिश,
    सबका हो जाऊं,
    नाकामयाब ही रहा |
    कसूर मेरा ही होगा शायद, .....

    बहुत सुन्दर एवं मर्मस्पर्शी रचना !
    शुभकामनायें एवं साधुवाद !

    जवाब देंहटाएं
  11. सच है सभी को खुश रख पाना आसान नहीं होता ... पर दिल तो चाहता ही है ...
    अच्छी संवेदनशील रचना ...

    जवाब देंहटाएं
  12. सबको खुश रखते हुए खुद भी खुश रहना आजकल बहुत मुश्किल है..बहुत भावपूर्ण सुन्दर रचना..

    जवाब देंहटाएं
  13. दुनिया बहुत ज़ालिम है जनाब दिल तोद के हस्ती है.

    जवाब देंहटाएं