गुरुवार, 11 जुलाई 2024

अनुलोम विलोम

 इलाहाबाद में निरंजन चौराहे पर एक ट्रैफिक कांस्टेबल हुआ करता था। उसकी खासियत यह थी कि वो चौराहे पर एक साथ सारी तरफ के ट्रैफिक को रोक देता था फिर थोड़ी देर बाद एक साथ सबको छोड़ देता था। 


फिर हैरान परेशान हो कर सबको संभालता था। यह हमने स्वयं कई बार नोटिस किया था।


अनुलोम विलोम करते समय हमसे भी यही होता है। दोनो ही नाक से एक साथ सांस भीतर जाती है और दोनो से ही एक साथ बाहर आती है। क्रम वार नही हो पाता।


सड़कें भी अगर अनुलोम विलोम करती हैं तो ट्रैफिक का स्वास्थ्य अच्छा रहता है और फिर ट्रैफिक को किसी बायपास की जरूरत नही होती।


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बुधवार, 10 जुलाई 2024

चोर

 चोर पर निबंध

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▪️चोर देश की अर्थ व्यवस्था की रीढ़ है।


▪️चोरों के लिए तिजोरियाँ, अलमारियाँ और ताले लगाने होते हैं। जिससे इन्हें बनाने वाली कंपनियों को काम मिलता है।


▪️ चोरों की वजह से घरों की खिड़कियों पर ग्रिल लगी होती हैं, दरवाजे लगे होते हैं, दरवाजे बंद होते हैं, इतना ही नहीं बल्कि बाहर सुरक्षा के लिए अतिरिक्त दरवाजे भी होते हैं। कितने लोगों को काम मिलता है।


▪️ चोरों के कारण मकानों, दुकानों और सोसायटी के चारों ओर एक परिसर बनाया जाता है, गेट होता है, गेट पर चौकीदार 24 घंटे रहता है और चौकीदार के लिए एक वर्दी भी होती है। कितने लोगों को काम मिलता है।


▪️ चोरों की वजह से न सिर्फ सीसी टीवी, मेटल डिटेक्टर बल्कि साइबर सेल भी होते हैं।


▪️ चोरों के कारण पुलिस है, पुलिस चौकी है, पुलिस थाने हैं, गश्ती गाड़ियाँ हैं, डंडे हैं, राइफलें हैं, रिवाल्वर हैं और गोलियाँ भी हैं। कितने लोगों को काम मिलता है।


▪️ चोरों के कारण ही अदालतें हैं, अदालतों में जज, वकील, क्लर्क और जमानतदार हैं। कितने लोगों को काम मिलता है।


▪️ चोरों के कारण जेलें हैं, जेलर हैं, जेलों के लिए पुलिस भी है। कितने लोगों को काम मिलता है।


▪️ मोबाइल, लैपटॉप, कोई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, साइकिल, वाहन जैसी कई उपयोग में आने वाली चीजें चोरी हो जाती हैं तो लोग नई खरीद लेते हैं, इस खरीद फरोख्त से देश की आर्थिक स्थिति को मजबूती मिलती है और कितने लोगों को काम मिलता है।


▪️ उच्च मान्यता प्राप्त और‌ नाम वाला यदि कोई चोर होता है तो देश विदेश की मीडिया की भी रोजी रोटी चलती है।


▪️ चोर ही सारे सरकारी सिस्टम की रीढ़ हैं और समाज के लोगों की रोजी रोटी का साधन भी है.

गुरुवार, 15 फ़रवरी 2024

चार्जिंग पॉइंट

 मोबाइल चार्ज करना हो तो बस एक प्लग पॉइंट चाहिए होता है। वह चाहे जहां लगा हो, रेलवे प्लेटफॉर्म हो, बस अड्डा हो, फुटपाथ पर कोई बूथ हो, किसी आफिस के पैसेज में हो, टॉयलेट में हो, ट्रेन में हो, प्लेन में हो, किसी साफ जगह में हो या किसी कचरे के डब्बे के पास हो, फौरन ही लोग अपना चार्जर वहां लगाकर मोबाइल चार्ज कर लेते हैं।

मंदिर छोटा हो या बड़ा हो, पार्क में हो, पहाड़ी पर हो, पेड़ के नीचे बस एक मूर्ति हो, भव्य मंदिर हो, जरा सा मंदिर हो , गली मोहल्ले में हो, रेलवे लाइन के किनारे हो, श्मशान में हो, अस्पताल में हो, स्कूल में हो, यह सब मंदिर बस चार्जिंग पॉइंट ही होते हैं।

इन सभी मंदिरों में वोल्टेज और करंट बराबर होता है और मनुष्य को चार्ज करने की क्षमता सब मे एक जैसी होती है।

Samsung हो, apple हो, one plus हो सब चार्ज हो जाते हैं कहीं भी किसी भी पॉइंट से।

बस इत्ती सी बात है। 

यह सभी धर्मों के पूजा स्थल की बात है।

जय श्री राम।