'दशक का ब्लॉग' , 'ब्लॉगर का दशक अथवा शतक ' या ' सदी का ब्लॉगर ' , 'नया ब्लॉगर' , 'सबसे वृद्ध ब्लॉगर', 'नवजात शिशु ब्लॉगर', 'अभिमन्यु ब्लॉगर' ( जो गर्भ से ही ब्लागिंग सीख ले ) या 'सबसे खूबसूरत चेहरे वाला ब्लॉगर' या 'सबसे सुन्दर ब्लॉग' ,'सबसे सरल ब्लॉग' या 'सबसे कठिन ब्लॉग' और न जाने क्या क्या ,ये वो शीर्षक हैं, जिनके लिए आजकल पुरस्कार दिए जाने की होड़ सी लगी है |
कैसे पंजीकरण कराना है और किसको और कहाँ वोट मांगने के लिए अपना पक्ष रखना है ,इसका प्रचार प्रसार बहुत तेजी से हो रहा है |
कुछ का मानना है ,'मैच फिक्स्ड' है अर्थात 'ब्लॉगर' का नाम तय है | कुछ का मानना है 'स्पॉट फिक्स्ड' है अर्थात 'ब्लाग पोस्ट' का नाम तय है | अच्छा खासा सभी लोग 'मैच फिक्सिंग' से वाकिफ हो चुके थे ,खामख्वाह 'स्पॉट फिक्सिंग' जैसी नई चीज़ आ गई |
ब्लागिंग की दुनिया में जो भी कटेगरी तय की जा रही है ,एवार्ड की खातिर ,बस उन्ही कटेगरियों में एक कटेगरी और बढ़ा देनी चाहिए ,जिसका नाम हो "ब्लॉगर-दम्पति एवार्ड " |
एक ही छत के नीचे ,एक मानिटर पर ,एक ही माउस से बारी बारी दो ब्लॉगर ,जो रिश्ते में पति -पत्नी लगते हो , कैसे ब्लागिंग करते होंगे | दोनों अपने को विद्वान /विदुषी समझते होंगे,एक दूसरे में व्याकरण की त्रुटियाँ ढूँढते होंगे,उलाहना भरी नज़रों से एक दूसरे की टिप्पणियाँ पढते कम, गिनते अधिक होंगे | अपनी रचना के अगर आधे में है और किसी काम से उठना है तब कार्डलेस माउस छुपा जाते होंगे | इस तरह की तमाम तरह तरह की कल्पनाएँ 'ब्लॉगर दम्पति' के विषय में अगर पुरस्कार देने वाले कर पायें तब वे शर्तिया 'ब्लॉगर दम्पति 'एवार्ड कटेगरी में नामांकन आमंत्रित करने को राजी हो जायेंगे | ब्लागर दम्पति आपस में लड़ाई भी एक दूसरे पर टिप्पणी फेंक कर करते होंगे |
हाँ ! जब कभी 'ब्लागर दम्पति' आपस में प्यार जताते होंगे तो कुछ यूं बात करते होंगे : हम आपके ब्लॉग में रहते हैं, हम ब्लॉग दे चुके सनम , ब्लॉग वाले दुल्हनिया ले जायेंगे , ब्लॉग दे के देखो , हमें आपके ब्लॉग से प्यार है ,डर्टी ब्लॉग और न जाने क्या क्या |
तनिक 'ब्लॉगर दम्पति' के जीवन के विषय में सोंचे और सब लोग मिलकर इस कटेगरी के लिए एक पुरस्कार की घोषणा कराएं |
जय हो …………अब तो ऐसे बहुत से पुरस्कार आयेंगे :)
जवाब देंहटाएंयह एक केटेगरी बननी ज़रूर चाहिए। :)
जवाब देंहटाएंसादर
कल 20/05/2012 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
"जब-जब कोई नयी शुरुआत होती है तब-तब कल्पनाओं और विकल्पों का उत्पादन भी गति पकड़ लेता है."
जवाब देंहटाएंआपको ध्यान होगा. मीडिया युग में [जब से मीडिया अधिक प्रभावी हुआ] सुष्मिता सेन और ऐश्वर्या राय के मिस-यूनिवर्स और मिस-वर्ल्ड अवार्ड जीतते ही भारत के गली-मौहल्लों में, स्कूलों में, कोलेजों में भाँति-भाँति की सौन्दर्य प्रतियोगिताओं की लहर चली थी.
आजकल टीवी पर एकाधिक टेलेंट शो चलने का भी यही कारण है. अमित जी, होने दीजिये... इससे बहुत सी जंग खा रही लेखनियों को लिखने का मसाला मिल जाता है.
सच है, यह कैसे उतर गया दिमाग से..
जवाब देंहटाएंजी हाँ... यह केटेगरी भी ज़रूर बननी चाहिए। :)
जवाब देंहटाएंपोस्ट पढ़कर मन प्रसन्न हो गया... शुभकामनायें
यह अच्छा किया आपने ...
जवाब देंहटाएंइसके लिए मैं आपका नाम प्रस्तावित करता हूँ ! उम्मीद है पुरस्कृत होने के बाद ब्लागर पार्टी जरूर दोगे !
हम हिंदी ब्लागर हैं और हम प्रूव करदेंगे कि हम कितने समझदार हैं !
शुभकामनायें हिंदी ब्लॉग जगत को !
यहाँ तो अलग ही हाल है..........
जवाब देंहटाएं"आपका ब्लॉग,हमारे पास है."
किसी सुबह देखते हैं कि ब्लॉग टेम्पलेट बदला हुआ है...या सारे कमेन्ट पब्लिश हो चुके हैं.....
या ब्लॉग वार्ता में हमारी ओर से रचना शामिल करने का आभार दिया जा चुका है (तुम्हारी तो आज बाई छुट्टी पर है सो टाइम कहाँ मिलेगा तुम्हें!!)
सर ये अवार्ड तो हमारा ही है.....
:-)
सादर.
आप उनसे कुछ यूं कहती होंगी अक्सर " आज तो बदले बदले से टेम्पलेट नज़र आते हैं |"
हटाएं:-)
हटाएंहा हा हा हा हा हा ...बढिया व्यंग्य हैं अमित जी ......ये होड ना जाने कब रुकेगी ..
जवाब देंहटाएं'ब्लॉग-व्लाग, पोस्ट-वोस्ट मैं क्या जानूं रे' :)
जवाब देंहटाएंमस्त कल्पना है अमित जी|
यह एक बिल्कुल ही खास सोच है और आपने आम सोच को एक नई दिशा दी है।
जवाब देंहटाएंव्यंग्य जब हास्य की चासनी में लिपटी हो तो वह पढ़ना सदैव सुखद होता है। इस पोस्ट में हास्य और व्यंग्य दोनों बराबर मात्रा में हैं। चासनी काफ़ी मीठी है।
इस होड में अच्छा तोड़ है। :)
जवाब देंहटाएंअच्छा विचार है ...
जवाब देंहटाएंइस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट को शामिल किया गया है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - 'क्रांतिकारी विचारों के जनक' - बिपिन चंद्र पाल - ब्लॉग बुलेटिन
अरे हाँ ..ये तो सबसे पहले होना चाहिए था :):).
जवाब देंहटाएंजब हर जगह अवार्ड लेने के लिए अलग से कटेगरी बन रही है...तो ब्लॉग जगत में भी ये अभिनव प्रयोग होना चाहिए...एक अवार्ड स्वयंभू के लिए भी होना चाहिए...जिसमें लोग अपनी शान में कसीदे पढ़ सकें...कि ये अवार्ड उन्हें ही क्यों मिलना चाहिए...
जवाब देंहटाएंदम्पति अपने नाम का प्रस्ताव तो करें! अकेले-अकेले करने से थोड़ी होगा। :)
जवाब देंहटाएं:):) एक नयी पहल ...
जवाब देंहटाएंये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है,
जवाब देंहटाएंये ब्लागों, ये आयोजनों, ये सम्मानों की दुनिया...
जय हिंद...
बहुत ही बेहतरीन और प्रशंसनीय प्रस्तुति....
जवाब देंहटाएंइंडिया दर्पण की ओर से आभार।
कितने दम्पति होंगे वो तो पता नहीं पर एक और ऑप्सन है ... रियलिटी शो टाइप ..जोड़ी यहीं बनाई जाए..
जवाब देंहटाएंकोई हमारा और निवेदिता का नाम ही नहीं ले रहा है | अरे इस कटेगरी की ईजाद हमने अपने लिए की थी पर कोई चयनित ही नहीं कर रहा है | अब खुद ही खुद को वाक-ओवर देना पडेगा | और कोई विद्वान है ही नहीं मैदान में | हाँ रियलिटी शो टाइप कोई नई जोड़ी बननी हो तो हम पुनः दावेदारी पेश करेंगे |
हटाएंबढ़िया आइडिया। हम तो इससे वंचित रह जायेंगे। वैसे इसके लिये कंपीटीशन तगड़ा होगा क्योंकि ऐसे दम्पति शायद कम ही होंगे।
जवाब देंहटाएंव्हाट एन आईडिया सर जी :) पहले बताए रहते तो शायद तुष्टिकरण हो जाता है। वैसे अभी बहुत सी श्रेणियाँ बाकी हैं। Sc, St, Obc, Apl, Apl, अल्पसंख्यक, एंग्लोईंडियन, NRI आदि आदि आदि :)))
जवाब देंहटाएंगज़ब ... ;-)
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