आज माह का अंतिम दिन है और फिर एक सहकर्मी को सेवा निवृत होना है | हर विभाग की समय के साथ अपनी भी आयु बढ़ती जाती है | जब विभाग पुराना हो चलता है तब लगभग प्रत्येक माह के अंतिम दिन कोई न कोई रिटायर होता रहता है | रिटायर होने वाले कर्मी के साथी विदाई पार्टी के अयोजन में लगे हैं | गिफ्ट वगैरह का भी इंतज़ाम हो रहा है | रिटायर होने वाले कर्मी के धरम के आधार पर गीता / कुरान की भेंट की भी व्यवस्था की जाती है | खैर यह तो चलन / प्रचलन की बात है ,थोडा भाषण बाजी होगी ,तारीफ में कसीदे पढे जायेंगे ,कर्मी के रिटायर होने से होने वाली रिक्तता का दुख व्यक्त किया जाएगा | मुझे तो यह सब बहुत अव्यवहारिक और मेकेनिकल सा लगता है |
'हाइवे' पर सामने से आती कार पर अगर
धूल पडी हो तो आगे के रास्ते के धूल भरे होने का अनुमान लग जाता है और अगर
कार भीगी हो तो अनुमान हो जाता है कि आगे कहीं बारिश मिलने वाली है | इसी
प्रकार लम्बी सेवा पूरी करने वाले व्यक्ति से जब संवाद होता है तब सेवाकाल
के दौरान आगे आने वाली परिस्थितियों का स्पष्ट भान हो सकता है |
रिटायर होने वाले व्यक्ति को ईश्वर का आभार व्यक्त करना चाहिये कि उसने अपनी सेवा अवधि भली भांति पूरी की | रिटायर होने के बाद भी वह अपनी और अपने परिवार की जरूरतों के अनुसार अनेक अन्य कार्य भी कर सकता है | रिटायरमेंट तो बस यह जताता है कि उस व्यक्ति के 'लिमिटेड ओवर मैच' के ओवर खत्म हो गए ,यह बिल्कुल भी नहीं जताता कि उस व्यक्ति की क्षमता का ह्रास हो गया |
आज सेवा निवृत होने वाले श्री पी एन मिश्रा जी मेरे पास ही मेरे बड़े बाबू थे | उनकी मूँछे बहुत शानदार हैं | ईश्वर उन्हे स्वस्थ और दीर्घायु रखें |
रिटायरमेण्ट में व्यक्ति भावुक हो जाता है, उसने क्या दिया, इसकी कम बात करता है, उसे सबसे क्या मिला उसकी अधिक बातें करता है। सबका प्रेम ही लेकर वह जाता है।
जवाब देंहटाएंमिश्रा जी को ईश्वर स्वस्थ और दीर्घायु रखें |
जवाब देंहटाएं"'हाइवे' पर सामने से आती कार पर अगर धूल पडी हो तो आगे के रास्ते के धूल भरे होने का अनुमान लग जाता है और अगर कार भीगी हो तो अनुमान हो जाता है कि आगे कहीं बारिश मिलने वाली है | इसी प्रकार लम्बी सेवा पूरी करने वाले व्यक्ति से जब संवाद होता है तब सेवाकाल के दौरान आगे आने वाली परिस्थितियों का स्पष्ट भान हो सकता है |"
जैसे ग़ज़ल मे हासिल ए ग़ज़ल शेर होता है ... वैसे ही ऊपर दिया पैराग्राफ हासिल ए पोस्ट है मेरे लिए |
मे भी शिवम् मिश्रा जी से सहमत हूँ .....अपने अपने अनुभव होते हैं अपनी अपनी जगह उनका महत्व् होता है ....आ. पी एन मिश्र जी को शुभ कामनाएं ...
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जवाब देंहटाएंब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन आप, Whatsapp और ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
कोई कैसा भी हो .. कुछ न कुछ तो अच्छा देकर ही जाता है .. यही अच्छा उससे माँ के साथ ले लेना चाहिए.
जवाब देंहटाएंसही कहा. रिटायर होनेवाले के अनुभव से सीखना चाहिए
जवाब देंहटाएंमिश्रा जी को हार्दिक शुभकामनायें...... ऐसे पल भावुक ही करते हैं..
जवाब देंहटाएंहर व्यक्ति कुछ न कुछ सीख देकर ही जाता है ! पहले लगता था कि रिटायर्मेंट भी कोई वजह है भला खुश होने की , अब लगता है की सही सलामत रिटायर होने वाले खुशकिस्मत होते हैं !
जवाब देंहटाएंसही।
जवाब देंहटाएंCorrect✅
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