गुरुवार, 13 फ़रवरी 2014

एक चीज़ होती है ........."कनेक्ट"


तमाशाई जब तमाशा दिखाता है तो तमाशा दिखाने से पहले ऐसी बातें कहता है जिससे वहाँ भीड़ में खड़े देखने वाले लोग उस तमाशाई से अपना जुड़ाव महसूस कर सकें । जैसे ,वह कहता है सभी लोग अपनी जेब से हाथ बाहर निकाल लें ,हाथ आपस में न बांधे या उसकी आँखों में लगातार न देखें । यह सब साधारण सी बातें है और उस दौरान अगर कोई इनका पालन न करें तो कोई ख़ास बात नहीं पर ऐसा नहीं होता । सभी लोग इन्ही छोटी छोटी बातों को मान कर उस तमाशाई से जुड़ाव महसूस करते हैं और इसी जुड़ाव को "कनेक्ट" कहते हैं । बहुत साधारण सी बातें ,जिन्हे मान लेने में कोई व्यय नहीं ,कोई भार नहीं और कुछ मनोरंजन ही होता है ,ऐसे "कनेक्ट" बनाने में बहुत कारगर साबित होती हैं ।

बाबा रामदेव ने बहुत सरलता से सबको दोनों हाथों के नाखून आपस में रगड़ते रहने की सलाह यह कह कर दी कि उससे उन सभी लोगो के बाल काले हो जायेंगे । देखते ही देखते जिसे देखो वह आपस में नाखून रगड़ते नज़र आने लगा ,क्या अमीर और क्या गरीब । यह "कनेक्ट" था बाबा रामदेव का ,भीड़ के साथ और यह प्रयोग रंग लाया उनके लिए ।

लालू यादव का मसखरा पन , बोलने की शैली / अंदाज़ एक तरीका हुआ करता था जनता से "कनेक्ट" स्थापित करने का और यह काफी सफल भी रहा ,जिसने उन्हें 'आई आई एम' तक लेक्चर लेने भी पहुंचा दिया ।

अन्ना हजारे की सादगी ,लकदक सफ़ेद पहनावा ,सरल बोलचाल की भाषा ,उनका जिदपना ही "कनेक्ट" था जनता के साथ । केजरीवाल ने इस "कनेक्ट" को भलीभांति पहचान लिया और सादगी के साथ जनता की उन समस्याओं को लेकर अपनी चिंता जताने लगे जिससे वह जनता के साथ सीधा सीधा जुड़ गए । जब जनता को लगता है कि उनका नेता उन्ही की तरह बिजली ,पानी, दवा, अस्पताल, घर, बसेरा ,स्कूल आदि की समस्याओं की सार्थक बात कर रहा है तब उस नेता को वो अपने बीच का ही महसूस करते हैं और यही महसूसपना "कनेक्ट" का काम करता है ।

चाय एक बहुत ही साधारण सी चीज़ है पर मोदी ने इसकी "कनेक्ट" बनाने की क्षमता को पहचान लिया और पूरे देश भर में नमो चाय की गूँज हो गई । जो जितना स्थाई "कनेक्ट" स्थापित कर ले जाता है उसी में स्थायित्व अधिक होता है । यही बात सिनेमा को और सिनेमा में हीरो को लोकप्रिय बनाने में भी होती है । अमिताभ बच्चन में आम पब्लिक अपनी छवि देखती थी और पल भर में उनसे "कनेक्ट" स्थापित हो जाता था । इस "कनेक्ट" बनाने के गुण में जो जितना माहिर वह उतना करिश्माई सिद्ध होता है ।

राहुल गांधी इसी "कनेक्ट" के खेल में सफल नहीं हो पा रहे हैं , जबकि उनकी दादी और परनाना इस फन के सिद्धहस्त सिकंदर थे ।

यह "कनेक्ट" कुछ कुछ हिप्नोटाइज़ करने जैसा तिलस्मी होता है और चिर स्थायी नहीं होता क्योंकि पोल खुलने में देर नहीं लगती । इस "कनेक्ट" का लाभ लेकर सत्ता में आने के बाद इस मौके का सही उपयोग करने वाला ही सफल राजनीति कर सकता है , जो केजरीवाल नहीं कर पा रहे हैं । 

आज संसद में मिर्ची पाउडर स्प्रे करने में भी नेताओं का 'अपनी जनता' से सीधा सीधा "कनेक्ट" स्थापित करने का ही प्रयास था । विरोध करने वाले नेता सीधा सीधा सन्देश देना चाह रहे थे कि नया राज्य बनाने वालों की वे आँखे तक फोड़ डालेंगे भले ही उसमे उनकी स्वयं की भी आंखे चली जाएँ । अब चूंकि मिर्च एक बहुत ही साधारण सी चीज़ है और उसके प्रयोग से किसी की जान तो जाने वाली नहीं परन्तु इस घटना से उन विरोध करने वाले नेताओं का अपनी जनता से एक अच्छा और सीधा "कनेक्ट" स्थापित हो गया ।

अर्णब गोस्वामी का इंटरव्यू क्यों मोह लेता है लोगों को क्योंकि उनके सवालों में आम आदमी से एक "कनेक्ट" स्थापित होता दिखाई पड़ता है ,बिलकुल सीधा और सपाट सा ,उदाहरण के तौर पर एक इंटरव्यू में जब राहुल अर्णब गोस्वामी के सीधे सवालों के जवाब नहीं दे पाते तब आम आदमी अंदर ही अंदर खुश होता है यह सोचकर कि राहुल तो बिलकुल साधारण से इंसान है जो इतना भी नहीं बता सकते ।

रही बात सिद्धांतों के सही और गलत होने की या संवैधानिक और असंवैधानिक होने की तो, वह सब तो सापेक्ष बाते हैं ,निरपेक्ष कुछ भी नहीं ।

लेखक  / लेखिकाएं / कहानीकार / उपन्यासकार / कवि / कवियित्री / शायर / शायरा / शिक्षक / शिक्षिकाएं वही सफल और प्रसिद्द हुए हैं जिन्होंने अपने पात्रों से ,अपने पाठकों से और अपने शिष्यों से एक सधा हुआ "कनेक्ट" स्थापित किया है ।

यह बात भी सच है कि जमीन से जुड़ा हुआ और वास्तविकता को जानने वाला व्यक्ति ही एक बेहतर "कनेक्ट" स्थापित कर सकता है । 

10 टिप्‍पणियां:

  1. बढिया कनेक्ट। यह स्थायी बने। शुभकामनायें।

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  2. जब दर्शक को लगता है कि सामने वाला भी थोड़ा सा उसके जैसा है तो कनेक्ट स्थापित हो जाता है।

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  3. आम जन की भावनाएं जिससे जुडी होती है , आँखों का पर्दा हटने तक तो उसी से अधिक कनेक्ट होता है , सत्य वचन !

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  4. ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन अब मृत परिजनों से भी हो सकेगी वीडियो चैट - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  5. आपकी पोस्ट से कनेक्ट महसूस कर रहा हूँ!! साथ ही एक पुरानी कहावत भी याद आ रही है कि आप एक आदमी के साथ सारे समय कनेक्ट कर सकते हैं या फिर सारे लोगों के साथ एक समय में कनेक्ट हो सकते हैं.. लेकिन हर किसी के साथ हर समय नहीं सकते.. इसीलिए राजनेताओं को या कहें राजनीति की आँच में तपे तपाए नेता कनेक्ट करने के नए ड्रामे ईजाद करते रहते हैं... और फ़िल्मी हीरो तो हर फ़िल्म में एक नया अवतार लेकर आता ही है कनेक्ट होने के लिये... जिसने रिपीट दिया पब्लिक ने पीट दिया!!

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  6. अच्छी लगी पोस्ट। बात को अनूठे अंदाज में कहकर आपने हमको भी कनेक्ट कर लिया खुद से ।

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  7. आप से तो हम ढंग से "कनेक्ट" स्थापित कर चुके है |
    वैसे बढ़िया तरीके से "कनेक्ट" स्थापित करना समझाया है आपने ... जय हो |

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