एक प्यारा सा जोड़ा था ,
दोनों ने तिल तिल ,
आपस में प्यार था जोड़ा ,
इस जोड़े हुए प्यार से उनकी ,
हयाते-राह खुशगवार हुई ,
जोड़ा जोड़ने की ,
ख्वाहिश लिए ,
खुद को दुनिया से,
रिश्ते तमाम जोड़ता गया ,
हयाते-राह एक भूल हुई ,
दोनों ने प्यार के इस जोड़ में ,
अपने अपने हिस्से का प्यार ,
बराबर न जोड़ा ,
प्यार का जोड़ गलत हुआ ,
जोड़ा जोड़ में उलझ गया ,
जोड़ जोड़ खुल गया ,
प्यार तितर बितर हो गया ,
जोड़ा जड़वत हो गया ।
"प्यार में हिसाब कैसा ..प्यार तो बे-हिसाब होना चाहिए "
"प्यार में हिसाब कैसा ..प्यार तो बे-हिसाब होना चाहिए "
bahut khub sir ji
जवाब देंहटाएंकहीं कुछ जोड़ने में , कहीं कुछ छूटता जाता है और एहसास भी नहीं हो पाता.
जवाब देंहटाएंगहरे भाव हैं रचना में.
शिखा जी की बात से सहमत हूँ अक्सर ज़िंदगी को जोड़े रखने के चक्कर में इंसान से बहुत कुछ छूटता चला जाता है और उसे पता भी नहीं चलता गहन भाव अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंगहन भाव लिए हुए रचना
जवाब देंहटाएं"प्यार में हिसाब कैसा ..प्यार तो बे-हिसाब होना चाहिए "
जवाब देंहटाएंसुन्दर बात ...
जोड़ में उलझे कि जोड़ खुला ....
सहज जीवन सुन्दर जीवन ....
ये हुआ प्यार का गणित....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर!!!!
सादर
अनु
अक्सर ऐसा होता है...
जवाब देंहटाएंखूबसूरत....
सब जुटे हुये प्यार में अपना योगदान देखते हैं, तो प्यार का गणित ही दरकने लगता है। अंकों की गिनती होती है और हम रंकों की स्थिति में जा पहुँचते हैं।
जवाब देंहटाएं"प्यार में हिसाब कैसा ..प्यार तो बे-हिसाब होना चाहिए " -बहुत सुन्दर!
जवाब देंहटाएंडैश बोर्ड पर पाता हूँ आपकी रचना, अनुशरण कर ब्लॉग को
अनुशरण कर मेरे ब्लॉग को अनुभव करे मेरी अनुभूति को
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प्रेम में शीश देने के बाद भी पैनी नजर रखनी पड़ती है ..कहीं उसमें भी सेंधमारी न हो जाए..अपनी ही गलती से ही सही..
जवाब देंहटाएंब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन ब्लॉग पोस्टों का किंछाव - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
जवाब देंहटाएंसही बात ... "प्यार में हिसाब कैसा ..प्यार तो बे-हिसाब होना चाहिए" !!
जवाब देंहटाएंजोड़ते जोड़ते कब कहाँ कुछ घट जाता है पता ही नहीं चलता .... गहन भाव रचना के ।
जवाब देंहटाएंबात शुरुऐ से गलत थी। प्यार कोई पैसे की तरह जोड़ा थोड़ी न जाता है।
जवाब देंहटाएं" प्यार एक राजा है
इसका बहुत बड़ा परिवार है,
पीड़ा इसकी पटरानी है,
आंसू राजकुमार है।"
-उपेन्द्र जी, कानपुर
प्यार में हिसाब कैसा प्यार तो बेहिसाब होना चाहिए ...आपकी ये एक पंक्ति आपकी पूरी कविता पर भारी पड़ गयी .... एक पंक्ति में प्यार का सार बता दिया आपने ..आप सचमुच शब्दों के जादूगर हैं ..ऐसे ही लिखते रहिये ..और अपना जादू चलते रहिये :-)
जवाब देंहटाएंप्यार में होना, शायद, इस दुनिया का सब से हसीन अहसास है. Achhi Shayri Likha Hai Aapne. Iske liye aapko mera dhanyawad.
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