रोज़ सबेरे उठने से पहले नींद में ही बिस्तर पर बगल में टटोल कर देखता हूं,तो श्रीमती जी गायब मिलती हैं।जाहिर है वह मुझसे पहले उठ कर दिनचर्या में लग जाती हैं और मुझे बिस्तर पर ही चाय मिल जाती है। पर आज सुबह आदतन बगल में हाथ फ़ेर कर देखा तो पाया कि वह तो समूची की समूची बगल में बिस्तर पर ही धरी हैं।मेरा माथा ठनका कि क्या बात है ,इस inertia का क्या कारण हैं ,सुबह सुबह ऐसी बेजान-ता क्यों। मैने sympathy और दुलार का घोल अपनी आवाज़ मे मिलाने की कोशिश करते हुए पूछ ही लिया क्या बात है,तबियत तो ठीक है।इस पर उन्होनें बड़ी गरीब सी आवाज़, पर आंखों मे चमक के साथ बताया कि "आज मेरा करवा चौथ का उपवास है"।
मै तुरंत full of alert मे आ गया और जैसे बचपन मे कंही भी और कभी भी ’जन मन गण’ की धुन सुनते ही माड़ लगे कपड़े की तरह कड़क हो जाता था, उसी तरह तुरंत फ़ुरती से बिस्तर छोड़ कर खड़ा हो गया और याद आ गया कि आज तो "करवा चौथ जीवन बीमा" का प्रीमियम भरना है नही तो इस योजना मे कोई ग्रेस पीरियड भी नही होता अगर कहीं प्रीमियम भरना भूल गये तो पूरी पॉलिसी लैप्स।पिछले वर्षों तक जमा कराए गए प्रीमियम का कोई रिटर्न नही और ना ही कोई रीन्यूवल का चांस।
अब तो सबेरे से ही उनका व्रत का प्रताप अपना असर दिखाना शुरु करने वाला था,इसका पूरा एहसास था मुझे।उनके इस व्रत का सीधा संबंध मेरी जान से था,इसका भी पल पल मुझे डेमो दिया जाने वाला था।अन्य बीमा पॉलिसीयों मे यह सुविधा होती है कि आपने एक बार ड्यू डेट पर प्रीमियम भर दिया,फ़िर आपका काम खत्म,पर इस घरेलू योजना में प्रीमियम तो भरना ही है,सारे दिन आपको यह महसूस भी करना है और जताना भी है कि "हां हम आप की वजह से ही जीवित हैं"।
मुझे समझ में नही आता कि इस व्रत की शुरुआत पति के दीर्घायु होने के लिए prevention के तौर पर प्रारंभ की गई थी या cure के रूप में। जो भी हो इस दिन बेचारा पति सब दिनों की अपेक्षा maximum भयभीत, वैसे ही दिखाई पड़ता है,जैसे अयोध्या फ़ैसले के दिन शासन-प्रशासन भयभीत था,कि कंही दंगा ना हो जाए।लेकिन यहां तो दंगा करने वाले मन ही मन आनंद मे थे कि देखो एक ही दिन में पूरे घर को ransom पर ले रखा है।धन्य हो पत्नियों का systematic investment plan जो पूरी तरह सफ़ल रहता है वह भी exponential return के साथ।
पर जनाब करवा चौथ तो शायद २६ की है ना ?
जवाब देंहटाएंवैसे बहुत बढ़िया लगा आपका यह आलेख !
बधाइयाँ और शुभकामनाएं !
करवा लो प्यारे
जवाब देंहटाएंबिना बीमा क्या जीना
ये बीमा तो बहुत जरूरी है
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (25/10/2010) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com
धन्य हो पत्नियों का systematic investment plan जो पूरी तरह सफ़ल रहता है वह भी exponential return के साथ. dhanya hai aap bhee
जवाब देंहटाएंहा हा हा हा...बहुत बहुत मजेदार!!!
जवाब देंहटाएंबढ़िया व्यंग्य कटाक्ष है...
आनंद आया पढ़कर...
आभार..
रुचिकर ! शुभकामनायें आपको !
जवाब देंहटाएंI read it along with my wife. Aur bhaiya jaisa reaction hum dono ka alag-alag hona chaiye tha, vaisa hee hua.
जवाब देंहटाएंmaza aa gaya
आप सभी का बहुत बहुत शुक्रिया ।
जवाब देंहटाएंयह प्रिविन्शियल पॉलिसी है .., लकिन गारिन्तेद है .., आप इन्वेस्ट करिए और दीर्धायु होइए..!!
जवाब देंहटाएं----sabhajeet
रोचक :):)
जवाब देंहटाएंmazedaar
जवाब देंहटाएं:)
जवाब देंहटाएंaapka jabab nahi :)
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