आज ऑफिस में एक अत्यंत महत्वपूर्ण पत्र ,तत्काल मुख्यालय भेजना था | मेरा अधीनस्थ बार बार उसे फैक्स करने के लिए मुख्यालय फोन कर फैक्स टोन मांग रहा था | शायद ऑटो - फैक्स मशीन खराब थी | काफी मशक्कत के बाद टोन मिलने के बाद वह महत्वपूर्ण पत्र फैक्स द्वारा प्रेषित किया जा सका | बिना फैक्स टोन के फैक्स किया जाना संभव नहीं होता |
इश्क , मोहब्बत में भी ऐसे ही होता है | किसी को कितना भी चाहते रहो , टकटकी लगाए देखते रहो ,उन्हें यूं ही गुगुनाते रहो परन्तु जब तक उधर से फैक्स टोन न आ जाए , कुछ भी होने वाला नहीं है |( वो चाहे आपकी पत्नी ही क्यों न हो , उस पर भी समानता से लागू ) | इश्क मोहब्बत में असफल होने वालों का मुख्य कारण यही पाया गया है कि अधीरता में वह बिना फैक्स टोन मिले फैक्स कर डालते हैं और अंजाम "मजमून जाया हो जाता है " |
ऐसे मामलों में फैक्स टोन निम्नवत प्रकार से प्राप्त हो सकती हैं :
१.निगाहों से ही |
२.पलकों के झपकने से |
३.एक मीठी मुस्कान से |
४.लबों की जुम्बिश से |
५.बालों के छल्ले घुमाती उँगलियों से |
६.दांतों तले दबे पल्लू के कोने से |
७.मिटटी कुरेदते पांवों से |
८.एक लम्बी जम्हाई से |
९.एक लम्बी अंगडाई से |
१०.तेज़ चल उठी साँसों से |
यह बात दीगर है कि फैक्स टोन मिलने में अक्सर समय बहुत जाया हो जाता है | पर टोन मिल जाती है तब क्या इबारत और क्या हर्फ़ सब हू-ब हू उसके दिल पर चस्पा हो उठते हैं ,जिसे आप दिलो-जान से चाहते हैं और बगैर फैक्स टोन मिले सब बेकार |
"बिना फैक्स टोन मिले फैक्स नहीं करना चाहिए, मजमून चाहे कागज़ पे हो ,चाहे दिल पे |"
"बिना फैक्स टोन मिले फैक्स नहीं करना चाहिए, मजमून चाहे कागज़ पे हो ,चाहे दिल पे |"
कमाल की फैक्स टोन है ...अमित जी ...मज़ा आ गया पढ़ कर :)))
जवाब देंहटाएंयह आपके दिल की फैक्स टोन है | आभार |
हटाएं;-)
जवाब देंहटाएं:-):-):-)
हटाएंसही है जी , लेकिन पल्स डायलिंग हो तो , कई बार ट्रांसमिट नहीं हो पता है फैक्स .
जवाब देंहटाएंउनकी 'पल्स' पर अपनी उंगलियाँ धर दीजिये , उनकी पल्स आपकी टोन में कन्वर्ट हो जायेगी |
हटाएंआपके Topics भी बहुत मज़ेदार होते हैं अमित जी !:)
जवाब देंहटाएंएक टोन "निगाहें झुक जाना" भी होती है... :) [इसे आप Sub Tone भी कह सकते हैं... पहले वाले टोन की.. :)]
~सादर !
' सब-टोन ' नहीं , यह तो पहली टोन है 'निगाहों का झुक जाना | आपका बहुत बहुत आभार |
हटाएं:-)
जवाब देंहटाएंतकनीकी कवि हो आप अमित जी....
बढ़िया रोचक...
सादर
अनु
यह आप लोगो का स्नेह है | आभार |
हटाएं:):) रोचक ।
जवाब देंहटाएं:-):-)
हटाएंकविता में technique डालना कोई आप से सीखे :):)
जवाब देंहटाएंथोड़ा योगदान इसमें ( शायद प्रत्येक रचना में ) आपका भी है | नोटिस किया कि नहीं !
हटाएंआपकी बात से शत प्रतिशत सहमत..कई मजनूँ तो स्थायी फैक्सटोन लिये घूमते हैं..
जवाब देंहटाएं:-)
हटाएं:-)
जवाब देंहटाएंहम भी इस्माइल ...|
हटाएंरोचक टॉपिक,,रोचक रचना है आपकी...
जवाब देंहटाएंमस्त....
:-)
बढ़िया टेक्निकल पोस्ट... आपके विषय बड़े रोचक होते हैं, जैसे वो एक वाशिंग मशीन वाली पोस्ट जब - जब मशीन में कपडे धोते हैं, एक मुस्कराहट के साथ याद आती है...:)
जवाब देंहटाएंमस्त पोस्ट...:)
जवाब देंहटाएंबढिया टोन है।
जवाब देंहटाएं