शनिवार, 6 अगस्त 2011

"आहट".....आँसुओं की...

मेरा बावरा मन,
बिना पूछे ,
अक्सर, 
मुझसे, 
निमंत्रण देता, 
रहता है,
मेरे ही आंसुओं को,
वह भी, 
मेरी ही आँखों में, 
कितना समझाया, 
घर छोटा है, 
ज्यादा मेहमान, 
ना बुलाया करो,
अभी पिछली बार की,
ही तो बात है,
याद में, 
उनकी, 
आये आंसू, 
अभी भी, 
वहीँ ठहरे हुए हैं,
अब,
नई कतार,
कहाँ बिठाऊँ,  
बार बार,
यूँ बुलाते हो, 
मेहमान को, 
कहीं ऐसा ना हो, 
जगह ना पायें वे,
और, 
आना ही छोड़ दें, 
और फिर,
तुम तरस, 
जाओ,
मेहमान नवाजी को, 
आँखें भी सूख जाएँ, 
ताउम्र के लिए, 
पर मन तो गुम सा है,
उनकी ही याद में, 
ये क्या,
मै,
फिर सुन रहा हूँ, 
आहट......आंसुओं की, 
चलो फिर बुहार ही लूँ, 
पलकों से आँखों को, 
और स्वागत करूँ, 
आंसुओं का |  

29 टिप्‍पणियां:

  1. मुसीबतो का स्वागत करना फिर आगे बढ़ना ही जीवन है...

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  2. स्वागत करूँ,
    आंसुओं का | खुबसूरत अभिवयक्ति....

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  3. वाह्…………आँसुओ का स्वागत …………गज़ब्…………॥

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  4. अतिथि देवो: भव: :............चाहे वो अपने आंसू ही क्यों ना हो

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  5. दुख में कोई जब साथ नहीं देता है, आँसू देते हैं।

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  6. आंसू दिल के सच्चे साथी.....
    खूबसूरत अभिव्यक्ति...

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  7. मै,
    फिर सुन रहा हूँ,
    आहट......आंसुओं की,
    चलो फिर बुहार ही लूँ,
    पलकों से आँखों को,
    और स्वागत करूँ,
    आंसुओं का |


    वाह क्या स्वागत है .

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  8. मै,
    फिर सुन रहा हूँ,
    आहट......आंसुओं की,
    चलो फिर बुहार ही लूँ,
    पलकों से आँखों को,
    और स्वागत करूँ,
    आंसुओं का |

    आँसुओं से आत्मीयता का यह रिश्ता बहुत पसंद आया ! बहुत भावपूर्ण और सुन्दर अभिव्यक्ति है ! बधाई !

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  9. बहुत सुंदर.... आंसू ही अपने होते हैं.... ख़ुशी में भी गम में भी...

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  10. ............और स्वागत करूँ,
    आंसुओं का |
    बेहतरीन भाव,आभार.

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  11. आँखें भी सूख जाएँ,
    ताउम्र के लिए,
    पर मन तो गुम सा है,
    उनकी ही याद में,
    ये क्या,
    मै,
    फिर सुन रहा हूँ,
    आहट......आंसुओं की,


    अंतस को छूती बेहतरीन रचना....

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  12. बहुत सुंदर रचना ! लाजवाब प्रस्तुती!

    आपके पास दोस्तो का ख़ज़ाना है,
    पर ये दोस्त आपका पुराना है,
    इस दोस्त को भुला ना देना कभी,
    क्यू की ये दोस्त आपकी दोस्ती का दीवाना है

    ⁀‵⁀) ✫ ✫ ✫.
    `⋎´✫¸.•°*”˜˜”*°•✫
    ..✫¸.•°*”˜˜”*°•.✫
    ☻/ღ˚ •。* ˚ ˚✰˚ ˛★* 。 ღ˛° 。* °♥ ˚ • ★ *˚ .ღ 。.................
    /▌*˛˚ღ •˚HAPPY FRIENDSHIP DAY MY FRENDS ˚ ✰* ★
    / .. ˚. ★ ˛ ˚ ✰。˚ ˚ღ。* ˛˚ 。✰˚* ˚ ★ღ

    !!मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाये!!

    फ्रेंडशिप डे स्पेशल पोस्ट पर आपका स्वागत है!
    मित्रता एक वरदान

    शुभकामनायें

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  13. amit ji
    ek bahut hi sashakt avam bhavpravan rachna bahut jabrdast likha hai aapne .
    bahut bahut badhai
    poonam

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  14. कल 09/08/2011 को आपकी एक पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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  15. भावपूर्ण प्रस्तुति
    सब कुछ बड़ी सहजता से कह दिया आपने....

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  16. चंचल मन और आंसुओं को निमंत्रण ....?

    अमित साहब चंचल मन तो मुस्कानों को निमंत्रण देता है ......

    :))

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  17. हीर साहिबा , आपकी बात सच है ,चंचल मन तो मुस्कुराता रहता है ,अतः "चंचल" को मैने "बावरा" कर दिया ।

    मशवरे के लिये बहुत बहुत शुक्रिया....

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  18. और फिर,
    तुम तरस,
    जाओ,
    मेहमान नवाजी को,
    आँखें भी सूख जाएँ,
    ताउम्र के लिए, ....kaviyon ka dil to ashkon ka dariya hai..ye kahan sukhega..is shaandar kavita ke liye hardik badhayee.

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  19. आँसुओ का स्वागत यह ख्याल आया कैसे ? जबरदस्त मान गए ..

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  20. सुन्दर रचना, बहुत सार्थक प्रस्तुति
    , स्वाधीनता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
    मेरे ब्लॉग पर भी पधारने का कष्ट करें .

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