मंगलवार, 17 अगस्त 2010

बया का घोसला

                   कुदरत ने सभी जीव, जन्तु, पशु,पक्षिऒं मे बया को सर्वश्रेषठ आर्किटॆक्ट बनाया है।बया अपना घर बनाने के लिये प्लाट का चयन ,अनुमानित आकार प्रकार का आकलन बखूबी कर लेती है।घोसला बनने के बाद उसके इर्द गिर्द कितनी जगह एवं हवा मिलेगी ,इसका निश्चित प्राविधान होता है।कहतें है नर बया ही घोंसला बनाता है फिर मादा बया तमाम बने हुए घोसलों  मे से एक को पसंद करती है और उस घोसले के आर्किटॆक्ट से जोडा बनाती है।यानी यहां भी नर  अपनी कला कॊशल से समाज मे सम्मान पाता  हॆ।                                                                                                                                                                 इसी से मिलती जुलती कहानी है "बयान का घोसला" की ,यानी फ़ेसबुक की । तिनका तिनका आप दोस्तों को जोड्तें हैं, वन फ़ाइन मार्निंग देखते हैं पूरा कुनबा बन गया दोस्तों का,वह भी तरह तरह के बयानों (status) से लबरेज,जिसमे फ़लसफ़ा है,देश प्रेम है,करुणा है,वियोग है,रोमांच भी है और रोमांस भी।विशाल घोसला बनने के दॊरान ही नये दोस्तों को आमंत्रित भी करते रहतें हैं ,लुभाने के लिये mutual freinds का बॊनस रहता हैं,कुछ सुंदर चेहरे उसमें हो तो क्या कहने,फ़िर तो वह घोसला सबसे बडा और शानदार elite class का हो गया  समझो,यहां तो आप कोटि  कोटि  प्रयास के बाद भी ignore होते रहेंगे। अभी अभी मॆने भी बिना चेहरे वाली request को ignore कर दिया
                        कभी कभी सोचता हूं अगर इस बयान के घोसले का चित्र बनाया जाये तो शायद कुछ कुछ organic chemistry मे पाये जाने वाले complex hydrocarbon के शॄंखला की शक्ल  का बनेगा जो सभी तिनकों के पासवर्ड पर टिका दिखेगा।

2 टिप्‍पणियां:

  1. शायद फ़ेसबुक के लिये ही किसी बडे शायर ने कहा है:-

    आप भी आईये, औरों को बुलाते रहिये
    दोस्ती जुर्म नहीं, दोस्त बढाते रहिये
    :p

    अनूप जी की चर्चा से आना हुआ.. काफ़ी पोस्ट्स देखीं.. आपको जानना अच्छा लगा..

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