रविवार, 2 फ़रवरी 2014

" वो सात भैंसे ......."


अभी अभी मैने अपनी श्रीमती जी से पूछा कि अगर नाश्ते में देर हो तो मैं एक पोस्ट लिख लूँ | इस पर उन्होने पूछा क्या हो गया , अरे वो मंत्री जी क़ी भैंसे गुम हो गईं हैं न उसी पर कुछ लिखना चाह रहा था , मैने बताया | पहले आपके दिमाग में गोबर भरा रहता था , अब भैंसे आ गई , अब तो भगवान ही मालिक है आपका , श्रीमती जी मन ही मन बोली होंगी शर्तिया | 

पता चला है कि मंत्री जी क़ी सात भैंसे एकदम 'काली चिट्टी' और 'हट्टी कट्टी' बीती रात घर से गायब हो गईं | अब पता नहीं अपने आप वो सब भाग गईं या कोई उन्हे भगा ले गया | सारा पुलिस महकमा और मीडिया हलकान परेशन घूम रहा है | ज्यादातर लोगों का मानना है कि 'उनकी' भैसों को कोई भगा कर नहीं ले जा सकता , यह दुस्साहस किसी के बस का नहीं ,वो भैंसे खुद ही खूँटा तुड़ाकर भाग गई होंगी | 

अब चूंकि यह भैसे किसी एक राजनैतिक दल के मंत्री जी क़ी हैं तो लोग कयास लगा रहे हैं कि ऐसा न हो उन भैंसों का मन दल बदल करने का हो गया हो | आईपीएल (इंडियन पॉलिटीशियन लीग)-२०१४ सन्निकट हैं सो भैंसे भी बेहतर विकल्प क़ी तलाश में दायें बायें पगुराना चाह रही होंगी , आखिर बिन्नी को भी दूध पिलाया होगा इनकी बिरादरी ने कभी ,सो असर तो आना ही है न बिन्नी का उन पर |

वह 'सातों' किसी दूसरी राजनैतिक पार्टी में भी शामिल हो सकती हैं | उन पर दल बदल कानून भी नहीं लगेगा | सुना है मोदी भी फिराक़ में हैं , चाय के लिये दूध सरप्लस हो जायेगा | बसपा इन्हें रंग रोगन कर 'हाथी' बना सकती है | कांग्रेस इन्हे ले सकती है राहुल बाबा के लिये ,गाँवो को करीब से समझने के लिये , केजरी भी मौके की ताड़ में है कि कह सके , आप क़ी भैंसे 'आप' क़ी हो गईं | 


अभी अभी पता चला है मंत्री जी ने विग्यापन छपवाया है कि " प्रिय भैंसे ,तुम सब जहां कहीं भी हो ,वापस घर आ जाओ ,तुम्हे कोई कुछ भी नहीं कहेगा | तुम लोगों के बगैर घर सूना है | तुम्हे हम बिना किसी नार्को टेस्ट  / वर्जिनिटी टेस्ट के ही स्वीकार कर लेंगे " | वैसे उन्होने दूसरे दलों द्वारा किसी बड़े षड्यंत्र रचे जाने का भी आरोप लगाया है |  

यह भी खबर है कि अमेरिकन मैगज़ीन 'टाइम' ने उन सात भैसों का फोटो अपने कवर पेज पर छापने का निर्णय लिया है ,वह भी निर्वस्त्र | 

यह पोस्ट लिखे जाने तक उन सातों का कोई सुराग न मिल पाने की खबर है |  

11 टिप्‍पणियां:

  1. ओह अब तो ये डर सताने लगा है कि कहीं आईएसआई वाले जो इसी ताक में बैठे हैं उन्हें अपनी योजना में न मिला लें :) ये भी हो सकता है कि वे हाथा सायकल से त्रस्त होकर खुद की एक "भैंस की पूंछ" नाम की पार्टी बना लें।

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  2. गजब,आप व्यंग्यकार भी अच्छे बन सकते हैं।

    मुझसे सम्पर्क करें :-)

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  3. तबेले से निकलते ही कितनी राहें खुल गयीं उनके लिए ..... रोचक पोस्ट :)

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  4. कोई नई पार्टी अपना चुनाव चिह्न भैंस रखना चाहती होगी इसलिये खास आदमी की ही सात भैंस चुरायी गई होंगी

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  5. ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन टेलीमार्केटिंग का ब्लैक-होल - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  6. दो बैलों की आत्मकथा की तरह एक पूरा उपन्यास बनता है।

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  7. :):) सबके अपने अपने दल .... भैंस क्यों पीछे रहें .

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  8. चुपचाप पगुराती रहें भले ,मौका ताड़ती हैं भैंसें !

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