बुधवार, 5 जनवरी 2011

"और बच्चे बड़े हो गए"

                सेमेस्टर ब्रेक की छुट्टियों के बाद दोनों बच्चों को वापस कानपुर (आई.आई.टी)  जाना था, चूंकि सामान अधिक था,रजाई वगैरह, सो मैने कहा चलो मैं कार से छोड़ आता हूं।वहां पहुंचने के बाद खाना वगैरह खाने मे एवं चाय पीने में अभी पांच-छह ही बजे थे कि बच्चे बोल पड़े कि अब आप लोग जल्दी वापस जाइए नही तो शाम को कोहरा होने लगता है आपको ड्राइविंग में परेशानी होगी। (मुझे लगा कि बच्चे बड़े हो गए)।
                फ़ोन पर बात करते समय कभी गल्ती से भी खांसी आ गई तो तुरंत सवाल’ तबियत ठीक नही है क्या’?(मुझे लगा कि बच्चे बड़े हो गए)।
                पहले जो भी बातें बच्चों से होती थी अभी भी लगभग सारी बातें वैसे ही होती हैं बस दोनों ओर के छोर आपस में बदल गए हैं ऐसा लगता है।
                बच्चॊं का एकदम से बड़े हो जाना वैसे ही लगता है जैसे क्षण भर में ही पौ फ़टते ही रात से सुबह हो जाती है।उनकी बातें और सवाल सुनकर तो कभी कभी ऐसा लगता है कि वे बड़े हो रहे हैं और हम स्थिर से हैं।
                 मैनें पिछली छुट्टियों के दौरान उनके सामने उनकी मम्मी को थोड़ा तेज़ आवाज़ में कुछ कह दिया (कहा भी सही ही था),पर मैने देखा कि बच्चों की भाव भंगिमा एकदम बदल सी गई थी ।(मुझे लगा कि बच्चे बड़े हो गए)।
                  चार कि संख्या में, मैं, अक्सर विवाद की स्थिति में तीन-एक के मत विभाजन से जीत जाया करता था परन्तु अब उसी तीन-एक के मत विभाजन से हार जाता हूं।(मुझे लगता है  कि अब  बच्चे बड़े हो गए)।

10 टिप्‍पणियां:

  1. बच्चे ऐसे ही बडे हो जाते हैं पता ही नही चलता।

    जवाब देंहटाएं
  2. mere papa ..ko bhi yahi lagtaa hai ..aur to aur ab wo humse salah bhi lete hai ..aur kehte hai "bachhe bade ho gaye"

    जवाब देंहटाएं
  3. बच्चों का बड़ा होना भी एक खूबसूरत एहसास है।

    जवाब देंहटाएं
  4. समय हर दिन दिखा देता है,कभी हम बच्चे होते है,कभी बड़े हो जाते है......

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति. धन्यवाद.

    जवाब देंहटाएं
  6. आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
    प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
    कल (6/1/2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
    देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
    अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
    http://charchamanch.uchcharan.com

    जवाब देंहटाएं
  7. एक अच्छे विषय पर बढ़िया पोस्ट ! शुभकामनायें

    जवाब देंहटाएं
  8. kitne chhote chhote pal, sawaal bata jate hain n ki bachche bade ho gaye ...

    potli lamhon ki ' vatvriksh ke liye rasprabha@gmail.com per bhejiye parichay tasweer blog link ke saath

    http://urvija.parikalpnaa.com/

    जवाब देंहटाएं