"शब्द भीतर रहते हैं तो सालते रहते हैं, मुक्त होते हैं तो साहित्य बनते हैं"। मन की बाते लिखना पुराना स्वेटर उधेड़ना जैसा है,उधेड़ना तो अच्छा भी लगता है और आसान भी, पर उधेड़े हुए मन को दुबारा बुनना बहुत मुश्किल शायद...।
हमने भी देखा है ये सब ,है सच में मज़ेदार !
एक से बढ़कर एक ....
मजेदार प्रस्तुति ...! RECENT POST आम बस तुम आम हो
मज़ेदार.....
चकाचक फ़ोटो!
रोचक !
:)
बढ़िया संकलन :)
खूबसूरत उदगार ट्रकों के पीछे मिल जाते हैं...सुन्दर संकलन...
हमने भी देखा है ये सब ,है सच में मज़ेदार !
जवाब देंहटाएंएक से बढ़कर एक ....
जवाब देंहटाएंमजेदार प्रस्तुति ...!
जवाब देंहटाएंRECENT POST आम बस तुम आम हो
मज़ेदार.....
जवाब देंहटाएंचकाचक फ़ोटो!
जवाब देंहटाएंरोचक !
जवाब देंहटाएं:)
जवाब देंहटाएंबढ़िया संकलन :)
जवाब देंहटाएंखूबसूरत उदगार ट्रकों के पीछे मिल जाते हैं...सुन्दर संकलन...
जवाब देंहटाएं