मूल रूप से हमारे पूर्वज प्रतापगढ़ जिले की कुंडा तहसील के एक पिछड़े से गाँव 'मद्दूपुर' के निवासी रहे । पिता जी ने अपनी पढ़ाई लिखाई लखनऊ विश्विद्यालय से की । तत्पश्चात रेलवे की सेवा में पूरे सेवाकाल में फैजाबाद जिले में ही तैनात रहे । फैजाबाद में तैनाती के दौरान ही वहीँ शहर में एक घर बना लिया । मेरी सारी पढ़ाई लिखाई फैजाबाद और उसके बाद इलाहाबाद में हुई । पढ़ाई पूरी करने के पश्चात मैंने बिजली विभाग की नौकरी ज्वाइन कर ली ।
नौकरी के दौरान अनेक स्थानों पर तैनाती रही । कभी इस शहर ,कभी उस शहर , चूँकि फैजाबाद गृह जनपद के तौर पर अंकित था ,अतः वहां तो तैनाती कभी संभव न थी । जब तक बच्चे छोटे थे तब तक तो स्थानान्तरण के लिए कभी किसी स्थान विशेष का चयन नहीं किया ,परन्तु जब बच्चे थोड़े बड़े हुए और शायद दूसरी / तीसरी कक्षा में पहुंचे तब मैंने लखनऊ शहर में स्थानान्तरण करा लिया । अभी तक तो लगभग सभी शहरों में सरकारी मकान की व्यवस्था थी और यहाँ लखनऊ में भी अच्छे सरकारी मकान थे ,परन्तु हम लोगों का दृष्टिकोण यह था कि जिस स्कूल में बच्चों का एडमिशन होगा ,वहीँ कहीं पास में किराए का घर ले कर रहेंगे । इसी योजना के तहत बच्चों का एडमिशन गोमतीनगर स्थित 'जयपुरिया स्कूल' में कराया और वहीँ पास में किराए के घर में रहने लगे । यह बात वर्ष १९९९ की है । सब कुछ ठीक ठाक चल रह था परन्तु सरकारी मकान और किसी किराए के घर में रहने में बहुत अंतर होता है । अचानक यह इच्छा प्रबल होने लगी कि अब अपना भी कोई घर होना चाहिए ।
ईश्वर की अनुकम्पा हुई ,संयोग बना और जहाँ हम लोग किराए पर रहा करते थे वहीँ समीप में ही भूमि उपलब्ध हो गई । धीरे धीरे मकान बनना प्रारम्भ हो ही गया और २२.०२.२००२ को हमने अपनी एक छत भी पा ली ।
आज ११ वर्ष हो चुके हैं अपनी छत के नीचे रहते हुए । हमारे छोटे छोटे से बच्चे इसी छत के नीचे खेलते खेलते आज अपने जीवन निर्माण की दिशा में व्यस्त हो चुके हैं । यह मकान हमारे परिवार के लिए हमेशा इतनी खुशियों की सौगात लाया है कि बस उस परम पिता परमेश्वर को श्रद्धा से सदा नमन करने को जी करता है ।
आज तिथि २२.०२.२०१३ है और हमारे गृह प्रवेश की ११वीं वर्षगाँठ है । इस अवसर पर आप सभी की शुभकामनायें अपेक्षित हैं ।
Badhai Ho!!
जवाब देंहटाएंNaye ghar mein khushiyon ki aur saugat aaye!!
अपना घर तो अपना ही होता है .... शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंबधाई हो और शुभकामनायें .
जवाब देंहटाएंखुशियों से भरा रहे आपका आशियाना.....
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं आपको ,निवेदिता और बच्चों को.
अनु
बहुत अच्छा है, जितना शीघ्र हो सके, एक आशियाना बना लेना चाहिये।
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जवाब देंहटाएंअपना घर है सबसे प्यारा !!
बहुत शुभकामनायें !
शुभकामनायें आदरणीय |
जवाब देंहटाएंGIC फैजाबाद से पढ़ा हूँ-
शायद आप भी, क्योंकि मेरे साथ अमित नाम के तीन विद्यार्थी थे-जिनके पिता जी रेल में थे-
१९७८ में था मैं वहां-
यह घर सदा आपके स्वप्नों की... खुशियों की, गंगोत्री रहे ...अशेष शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंवास्तु सदैव अनुकूल रहे.
जवाब देंहटाएंगृहप्रवेश की वर्षगाँठ की हार्दिक बधाइयाँ! :-)
जवाब देंहटाएंमिठाई कब खिलाएँगे ? :P
~सादर!!!
बहुत बहुत बधाई सर!
जवाब देंहटाएंसादर
आप सबको अपने गृह-प्रवेश के ग्यारह वर्ष पूर्ण कर 12वी वर्षगांठ पर हार्दिक मंगलकामनाएं। आप सब निरंतर तरक्की करते रहें ,हमारी यही शुभकामनायें हैं।
जवाब देंहटाएंखुशियाँ ही खुशियाँ आये आपके घर...
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई..
बहुत-बहुत शुभकामनाएँ...
:-)
आज की ब्लॉग बुलेटिन अरे रुक जा रे बंदे ... अरे थम जा रे बंदे - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
जवाब देंहटाएंबधाइयाँ सर जी बहुत बहुत बधाइयाँ !
जवाब देंहटाएंबधाई और शुभकामनायें ....
जवाब देंहटाएंबधाई हो हुज़ूर | बहुत बहुत शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंTamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
मंगल कामनाएं आपके परिवार को ...
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं !!
जवाब देंहटाएंWishing you many many more years of happy living in
जवाब देंहटाएंthis beautiful house.
badhai..
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंaapke aur aapke ghar ke vishay mei padha ..pata chalta hai k you are full of feelings ..aapko ghar ki varshgaanth ki bahut bahut badhai ( thodi late hi sahi ) ...aasha hai aur prarthna hai ki aap apne naati poto ko bhi aise hi is ghar mei khelte koodte bada hote dekhe aur sukun mehsoos karein :-)
जवाब देंहटाएंमेरा लिखा एवं गाया हुआ पहला भजन ..आपकी प्रतिक्रिया चाहती हूँ ब्लॉग पर आपका स्वागत है
Os ki boond: गिरधर से पयोधर...
अपना घर तो अपना
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