बचपन में पढ़ाई के दौरान जब कभी किसी भी विषय की कॉपी भर जाती थी या भरने वाली होती थी तभी उसी क्षण मन में एक नई कॉपी मिलने का उत्साह और उमंग अंकुरित हो उठता था । नई कॉपी की खुशबू ही अलग होती थी । उस पर लिखने का उत्साह इस कदर प्रबल होता था कि उस पर लिखने की शुरुआत भी प्रायः नई पेन्सिल से ही किया करता था ।
नई कॉपी मिलने पर पहले उस पर करीने से जिल्द चढ़ाना ,लेबल लगाना और फिर उस पर अपना नाम लिखना एक ऐसा महत्त्वपूर्ण कार्य होता था कि उस समय सब सुध बुध खोई हुई होती थी । अगर गलती से भी नई कॉपी कभी कभार किसी कोने से मुड़ जाती थी तब उसे अपनी तकिया के नीचे रात भर रख कर सीधा किया करता था । प्रत्येक नई कॉपी के साथ यह प्रण भी रहता था कि इस पर लिखने का कार्य इतनी सावधानी के साथ करूंगा कि रबर ( मिटाने हेतु ) का प्रयोग बिलकुल ही न करना पड़े और रिकार्ड के तौर पर कुछ दो / तीन कॉपियाँ ( ख़ास कर साइंस की ) ऐसी होती भी थी जिन पर रबर का प्रयोग बिलकुल शून्य रहता था ।
आज साल का पहला दिन एक नई कॉपी की सी खुशबू समेटे हुए है अपने में । पुरानी कॉपियों में कितनी भी गोजा गाजी ( यही शब्द सभी लोग प्रयोग करते हैं बचपन में आड़ी तिरछी लाइन खींचने में ) कर रखी हो अथवा कितना भी रबर का प्रयोग किया गया हो , वह सब भूलते हुए बस नए साल में इतना सा प्रण करने की आवश्यकता है कि इस नए साल में हम अपनी इबारत ऐसी लिखे कि उस पर पश्चाताप कर उसे मिटाने की आवश्यकता न हो और हमारी लिखी इबारत एक सभ्य और विकसित समाज को ही अपने में संजोये हुए हो और वह सारी दुनिया के सामने एक नजीर की तरह स्थापित हो ।
आगे आने वाले पन्नों में सभी को खुशबू भरी मिले , एक नई सुबह की , एक नए पुष्प की, एक नई मुस्कान की । बस इतनी सी प्रार्थना के साथ सभी लोगों को नए वर्ष की , एक नई सुबह की, बधाईयाँ और शुभकामनाएं |
....नई कॉपी का नया पन्ना मुबारक !
जवाब देंहटाएंनव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएँ सर!
जवाब देंहटाएंसादर
मंगलमय नव वर्ष हो, फैले धवल उजास ।
जवाब देंहटाएंआस पूर्ण होवें सभी, बढ़े आत्म-विश्वास ।
बढ़े आत्म-विश्वास, रास सन तेरह आये ।
शुभ शुभ हो हर घड़ी, जिन्दगी नित मुस्काये ।
रविकर की कामना, चतुर्दिक प्रेम हर्ष हो ।
सुख-शान्ति सौहार्द, मंगलमय नव वर्ष हो ।।
जाने कहा गए वो दिन। क्या दिन थे अमित भाई! इतनी छोटी बातो में इतनी ख़ुशी? शायद अब इतने उबाऊ पन का कारन यही हो की हम उतनी गहराई से जीना ही भूल गए।
जवाब देंहटाएंआपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति बुधवार के चर्चा मंच पर ।।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर. एकदम वास्तविक और सच्ची तुलना नए साल की नई कॉपी के साथ.
जवाब देंहटाएंनववर्ष शुभ ही शुभ हो .
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएंदिनांक 3/1/2013 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपकी प्रतिक्रिया का स्वागत है .
धन्यवाद!
बहुत सार्थक प्रस्तुति..नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा,सुन्दर व् सार्थक प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंनब बर्ष (2013) की हार्दिक शुभकामना.
मंगलमय हो आपको नब बर्ष का त्यौहार
जीवन में आती रहे पल पल नयी बहार
ईश्वर से हम कर रहे हर पल यही पुकार
इश्वर की कृपा रहे भरा रहे घर द्वार.
बहुत प्यारी सोच....वाकई यही प्रण करें...नव वर्ष की अशेष शुभकामनाएं....:)
जवाब देंहटाएंसच में, हर साल एक नयी कॉपी सा उत्साह लेकर आता है।
जवाब देंहटाएंअमित जी चर्चा मंच पर आपका लिंक देखा तो बरबस इस ओर
जवाब देंहटाएंध्यान खिंचता ही चल गया और एक गटक में पूरा आलेख पढ़ लिया
पढ़ती भी कैसे न .......ऐसा लगा जैसे मेरे ही मन के भाव लिखे आपने :)
नव वर्ष के उत्साह की बधाई
ये नए साल की कॉपी ऐसी हो जिस पर पश्चाताप का रबर न घिसना पड़े ..... नव वर्ष की शुभकामनायें
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