गुनगुनी सी रात में,
तुम्हे गुनगुनाना चाहता हूँ,
अनमने से मन को मनाना चाहता हूँ,
लग न जाए तेरी नज़र को मेरी नज़र,
उस नज़र की नज़र उतारना चाहता हूँ,
रह गई हर वो बात जो अनकही अनसुनी,
उसे सुनना और सुनाना चाहता हूँ,
मन ही मन दावे किये हैं बहुत इस दिल ने,
उन दावों को आज आजमाना चाहता हूँ ,
सच न लगे फिर भी मान लेना थोड़ा सा सच,
सच में प्यार जताना चाहता हूँ,
तुम तो एक फूल हो जिसमे ख़ुशबू है बहुत,
उस ख़ुशबू से थोड़ा महकना चाहता हूँ,
आवाज़ दूँ तो आ जाना ज़रूर,
जाते जाते बुझते चरागों से तेरा दीदार चाहता हूँ ,
मरना ही सच है गर ज़िन्दगी का,
झूल कर तेरी बाहों में मरना चाहता हूँ |
बहुत सुन्दर.....
जवाब देंहटाएंमन ही मन दावे किये हैं बहुत इस दिल ने,
उन दावों को आज आजमाना चाहता हूँ ,
हो सभी चाहतें पूरी......
अनु
रह गई हर वो बात जो अनकही अनसुनी,
जवाब देंहटाएंउसे सुनना और सुनाना चाहता हूँ,
kuchh dil ne kaha......??
बहुत सुंदर प्रयोग करते हैं आप....
जवाब देंहटाएंखूबसूरत रचना....
सादर।
अनमने से मन को मनाना चाहता हूँ,
जवाब देंहटाएंलग न जाए तेरी नज़र को मेरी नज़र,
उस नज़र की नज़र उतारना चाहता हूँ,
वाह... बहुत खूबसूरत चाहतें... शुभकामनायें... आभार
क्या बात है , लाजवाब रचना के लिए बधाई स्वीकार करिए .
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना..आशा है जल्दी ही ये तलाश असली रूप की, ख़त्म हो.. :)
जवाब देंहटाएंगुनगुनी सी रात में,
जवाब देंहटाएंतुम्हे गुनगुनाना चाहता हूँ
bahut komal kavita.....
सच न लगे फिर भी मान लेना थोड़ा सा सच,
जवाब देंहटाएंसच में प्यार जताना चाहता हूँ,
तुम तो एक फूल हो जिसमे ख़ुशबू है बहुत,
उस ख़ुशबू से थोड़ा महकना चाहता हूँ,
आवाज़ दूँ तो आ जाना ज़रूर,
जाते जाते बुझते चरागों से तेरा दीदार चाहता हूँ ,
वाह वाह वाह बेहतरीन भाव संयोजन से सजी खूबसूरत प्रस्तुति ...
रह गई हर वो बात जो अनकही अनसुनी,
जवाब देंहटाएंउसे सुनना और सुनाना चाहता हूँ,
बस यही तो सबसे जरुरी है.
खूबसूरत भावपूर्ण रचना.
बहुत सुंदर रचना,बेहतरीन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंMY RESENT POST...काव्यान्जलि... तुम्हारा चेहरा.
बहुत ही अच्छी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंकल 28/03/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.
आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!
... मधुर- मधुर मेरे दीपक जल ...
तुम तो एक फूल हो जिसमे ख़ुशबू है बहुत,
जवाब देंहटाएंउस ख़ुशबू से थोड़ा महकना चाहता हूँ,
आवाज़ दूँ तो आ जाना ज़रूर,
जाते जाते बुझते चरागों से तेरा दीदार चाहता हूँ ,
मरना ही सच है गर ज़िन्दगी का,
झूल कर तेरी बाहों में मरना चाहता हूँ |
bahut sunder
rachana
बहुत सुन्दर , सार्थक सृजन.
जवाब देंहटाएंकृपया मेरे ब्लॉग meri kavitayen पर भी पधारने का कष्ट करें, आभारी होऊंगा .
भावपूर्ण .... सुंदर पंक्तियाँ रची हैं....
जवाब देंहटाएंअपने मन के भावों को प्रकट करने का यह तरीका अच्छा लगा । मेरे पोस्ट पर आपका बेसब्री से इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंरात गुनगुनी, बात गुनगुनी,
जवाब देंहटाएंस्वप्नों की सौगात गुनगुनी।
बहुत ही बढ़िया सर!
जवाब देंहटाएंसादर
मेरी ख्वाहिशों का हर लफ्ज़ तुम हो
जवाब देंहटाएंमेरे ख्यालों का हर विम्ब तुम हो
तभी तो ........ बहुत बढ़िया
झूल के तेरी बाहों में मरने की चाहत ....
जवाब देंहटाएंबहुत ही लाजवाब है चाहत है ... अच्छा लगा पढ़ के ....
बहुत खूबसूरत रचना
जवाब देंहटाएंwaah kya baat hai har ek shabd dil me utarta hua .......bas aapki rachna gungunane ko ji chah raha hai . hardik badhai .
जवाब देंहटाएंmeri nayi post sapne par
http://sapne-shashi.blogspot.in/2012/03/blog-post_28.html
तुम तो एक फूल हो जिसमे ख़ुशबू है बहुत,
जवाब देंहटाएंउस ख़ुशबू से थोड़ा महकना चाहता हूँ,
आवाज़ दूँ तो आ जाना ज़रूर,
जाते जाते बुझते चरागों से तेरा दीदार चाहता हूँ ,
मरना ही सच है गर ज़िन्दगी का,
झूल कर तेरी बाहों में मरना चाहता हूँ |
.......सुन्दर !!!!!
बहूत हि सुंदर.प्रेम रस से सराबोर रचना..
जवाब देंहटाएंबेहतरीन और लाजवाब प्रस्तुती....
.गुनगुनी सी रात में,
जवाब देंहटाएंतुम्हे गुनगुनाना चाहता हूँ,
अनमने से मन को मनाना चाहता हूँ,
लग न जाए तेरी नज़र को मेरी नज़र,
उस नज़र की नज़र उतारना चाहता हूँ,.....बहुत सुन्दर .... भावों को बहुत ही सुन्दर शब्दो से पिरोए है..
मरना ही सच है गर ज़िन्दगी का,
जवाब देंहटाएंझूल कर तेरी बाहों में मरना चाहता हूँ |
बहुत ही सुंदर पंक्तियाँ,....क्या बात है
अमित जी,...समर्थक बन रहा हूँ आपभी बने खुशी होगी,....आभार
मरना ही सच है गर ज़िन्दगी का,
जवाब देंहटाएंझूल कर तेरी बाहों में मरना चाहता हूँ |
बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले ...
शुभकामनायें आपको !
sundar post.
जवाब देंहटाएंइतने चाहने वाले मिल जाते हैं कि चाहत पे मरने भी नहीं देते |
जवाब देंहटाएंदिल की आरजू ...बहुत खूबसूरती से बयां की है ..
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें ...!!
नजर की नजर उतारना तो ठीक है लेकिन ये बांहों में झूल के मरना कौन सा स्टंट है जी? ऊ का कुली हैं और आप सूटकेस :)
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