मंगलवार, 14 जनवरी 2025

खिचड़ी।

यूँ तो खाने के 56 प्रकार के व्यंजन होते हैं ,जिन्हें बनाने के लिए विभिन्न प्रकार की सामग्रियों की आवश्यकता होती है। परंतु ये व्यंजन सभी वर्ग के लोगों को सहजता से उपलब्ध भी नही होते।

दाल और चावल तो मूल भोज्य पदार्थ है जिसे समाज का प्रत्येक वर्ग उपभोग करता है।

शायद धर्म मे ऐसी व्यवस्था की गई है जिनके पालन से समाज के सभी वर्ग के लोग आपस मे एक जुड़ाव महसूस कर सके। 

खिचड़ी एक अत्यंत साधारण भोजन है जिसे कम से कम इस एक दिन तो सभी लोग खाते है, रुचि से न सही धर्म से ही सही।

एक जैसा भोजन कही न कहीं समाज के वर्गों के अंतर को समाप्त करने का संदेश तो अवश्य देता है।

(स्कूल में बच्चे एक दूसरे का टिफिन देख कर  समाज के इस अंतर को खूब समझते हैं और जब कभी उनका कोई अमीर दोस्त उसके जैसा लाया ही टिफिन ले आता है तो उस दिन उसे वह टिफिन बहुत भाता है और वह दोस्त भी। स्कूल में यूनिफॉर्म की भांति ही सबका टिफिन भी एक सा लाने का नियम और पाबंदी होनी चाहिए।)


खिचड़ी की शुभकामनाएं। 😊

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