मंगलवार, 19 फ़रवरी 2013

" हलवा है क्या ..........."


'मीठे' को स्वादों का राजा कहा जा सकता है । मुंह में कुछ भी मीठा आते ही मन एकदम मीठा सा हो जाता है । यूं तो मिठाई के प्रकार अब सैकड़ों हो चुके हैं और नित नई नई मिठाइयों का प्रचलन प्रारम्भ होता रहता है, परन्तु सबसे सरल और प्रारंभिक मूल रूप मिठाई का हलवा ही है ।

बस थोड़ा सा सूजी , जल्दीबाजी में आटा  भी चल सकता है , थोड़ी सी शकर और पानी मिलाकर बस थोड़ी देर गैस पर गर्म किया और पल भर में ही मीठा हलवा तैयार ।

हलवा-पूरी खाना समृद्धि का द्दोतक माना जाता है । छोटे बच्चों के मुंडन संस्कार के समय प्रायः बच्चों के हाथ में हलवा पूरी पकड़ा देते हैं और बच्चा रोना भूल कर आसानी से अपने बाल उतरवा लेता है ।

अर्थात बहुत अल्प समय में ही अल्प श्रम से अल्प महत्त्व की सामग्री से दीर्घ काल तक मन खुश कर देने वाला व्यंजन तैयार हो जाता है । 

अब चूंकि इतनी सरलता से हलवा बन जाता है और इसे खाने में भी कोई मुश्किल नहीं होती । मुंह में दांत हो ,न हो ,कोई भी ,किसी भी आयु का व्यक्ति इसे आसानी से निगल लेता है । हलवा इतना गुलगुला होता है कि  किसी भी शक्ल और आकार को अख्तियार कर लेता है ।

बस इस हलवे की सरलता ने ही अनेक जुमलों को जन्म दे दिया जैसे :

१. किसी कठिन कार्य की कठिनाई को सिद्ध करने के ध्येय से कहते हैं कि , इस काम को हलवा मत समझना ।

२. निपटने , निपटाने के अंदाज़ से बात चल रही हो तब लोग अपनी मजबूती और बकैती सिद्ध करने के लिए
बोल उठते हैं ,मुझे हलवा मत समझ लेना ,इतनी आसानी से मुझे हरा नहीं पाओगे ।

३. फिल्मों में अक्सर हीरो ,विलेन की पिटाई कर उसके मुंह का हलवा बना देता है ।

४ . अभी शिवम् जी ने फेसबुक पर लिखा ,उन्हें ब्लॉग -बुलेटिन लगाना है ,कोई पोस्ट चाहिए ,जल्दी से । मेरे मुंह से निकल गया "हलवा है क्या" ।

अब तो हलवे के भी विभिन्न प्रकार हो चले हैं ,जैसे गाजर का हलवा, गोभी का हलवा , पनीर का हलवा ,आलू का हलवा , दालों का भी हलवा बनता है । हाँ , सोहन हलवा में सोहन नहीं होता ।

वैसे इस क्षेत्र में मेरा ज्ञान सीमित है । अतः अब बस करता हूँ नहीं तो  कहीं ,रेसिपी के ब्लॉग वाले लोग मेरा ही हलवा न बना दें । 

18 टिप्‍पणियां:

  1. बाकी सब तो ठीक है ..पर गोभी का हलवा ?? पहली बार सुना.पर आखिर हलवे भी कोई हलवा है क्या :):).
    जाने कैसे कैसे हलवे.

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  2. सुन्दर है भाई जी -
    स्वादिष्ट
    हलवाई रविकर बना, व्यंजन कई प्रकार |
    चखे चखाए मित्र को, आजा तो इक बार |
    आजा तो इक बार, बड़ी वासंतिक रुत है |
    खा मीठा नमकीन, अगर हड़बड़ी बहुत है |
    सूजी घी में भून, सुगर मेवा दूँ डलवा |
    संग चाय नमकीन, पौष्टिक खा लो हलवा ||

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  3. अरे वाह !! हम तो इस द्वंद्व में ही उलझे रहे कि पहले हलवा बनाया जाए या पोस्ट लिखी जाए और आपने पोस्ट लिख भी डाली।
    भेssरी गुssड :)

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  4. हद है ... किसको 'पकाना' था ... कौन 'पका' रहा है ... ;)


    आज की ब्लॉग बुलेटिन १९ फरवरी, २ महान हस्तियाँ और कुछ ब्लॉग पोस्टें - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  5. और जो एग्जाम के एक दिन पहले दिमाग में सब हलुवा हो जाता था वो?????
    बाप रे मुँह कड़वा हो गया...
    :-)

    सादर
    अनु

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  6. हम पढ़े कम, देखे अधिक...अब तो बनवाना पड़ेगा..

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  7. हलवे की याद आ गई, अब घर जायेंगे जल्दी से और जल्दी से हलवा बनवायेंगे ।

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  8. गोभी का हलवा नहीं सुना .... वैसे हलवे पर पोस्ट लिखना कोई हलवा है क्या ....

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  9. हलवे की इस पोस्ट ने मुझ जैसी कई गृहणीनुमा ब्लॉगर पाठिकाओं को ज़रूर चौंकाया होगा ! गोभी का हलुआ ? अरे वाह ! पहले कभी सुना तो नहीं ! आशा है इन दिनों गोभी की सेल निश्चित रूप से बढ़ गयी होगी ! ट्राई करने में क्या बुराई है ! कैसा बनेगा यह बाद में पता चलेगा ! तो मैं भी चलूँ ! नये एक्सपेरीमेंट के लिए प्रेरित करने के लिए धन्यवाद !

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  10. हाहाहा अमित जी पोस्ट पढनी शुरू की तो मुझे लगा की आप शायद आज हलवा बनाने की विधि बता रहे हैं ... बाद में पता चला हलवे के ऊपर जो कुछ कहा जाता है वो सब आप बता रहे हैं ..वैसे आज का हलवा स्वादिष्ट था ..अब गोभी के हलवे का इंतजार करेंगे हम :-)

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  11. बढ़िया है ...गोभी के हलवे का जाना आज :) अब बनाना बाकी है

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