शुक्रवार, 26 जून 2020

एक लघु कथा।

"सिवइयाँ और लीजिये। यह सूखी वाली लीजिये कम मीठी है। दही बड़े दो से कम क्या खाना, मीठी चटनी से लीजिये। नॉनवेज तो आपने छोड़ रखा है ,नही तो कबाब बहुत शानदार बने है खास आपके जायके वाले।"

यह सब कहते हुए खान साहब ने खूब तबियत से अपने दोस्त को ईद के जायके में उतार दिया था।

जब खान साहब के दोस्त चलने को हुए तो खान साहब ने कहा,"भाभी बच्चे नही आये है,उनके लिए सिवइयाँ लेते जाइये। कौन सी गाड़ी है बताइये नीचे भेज कर रखवा दूं।"

उनके दोस्त ने कहा,"नीचे जो गाड़ी खड़ी है पेड़ के पास ,अरे आगे स्वास्तिक बना है, बोनट पर ,लाल सिंदूर से ,वही वाली है। कल ही तो ली है नई गाड़ी ,आज सीधे मंदिर से ही तो आ रहा हूँ, यह स्वास्तिक वहीं पुजारी जी ने बनाया है।"

सिवइयों की सूत से गुंथे है चाँद सितारे और स्वास्तिक आपस में। जितना अलग करोगे इन्हें ,उतना और गुंथा हुआ पाओगे।

#मीठीईद

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