(१ )
नींद ,
मत आया करो ,
जब वो हों ख्यालों में,
सुला देना कभी ,
जब वो आना भूल जाएं ,
मुझे कभी न उठने के लिए ।
(२ )
रात ,
तुम गहराती जाओ ,
उजाला भर लिया है मैंने ,
एक जुगनू है मेरे पास ,
उनकी यादों का ।
(३ )
ख़्वाब ,
नहीं देखना अब तुम्हे ,
एक दिल ही काफी नहीं ,
रोज़ टूटने के लिए ।
(४ )
तबस्सुम ,
मत शरीक हो ,
मेरी मायूसियों में,
मुकाम बदलने से ,
मायने बदल जाते हैं ।
"पहले रात रोज़ मुझे सुलाती थी अब वो खुद सो जाती है रोज़ मेरी गोद में सिर रख कर । इसे निहारते निहारते कब सुबह हो जाती है पता ही नहीं चलता । यूं सोते हुए देखना रात को याद दिला जाता है तुम्हारी । फिर एक जुगनू और चमक उठता है सिरहाने मेरे । "
नींद ,
मत आया करो ,
जब वो हों ख्यालों में,
सुला देना कभी ,
जब वो आना भूल जाएं ,
मुझे कभी न उठने के लिए ।
(२ )
रात ,
तुम गहराती जाओ ,
उजाला भर लिया है मैंने ,
एक जुगनू है मेरे पास ,
उनकी यादों का ।
(३ )
ख़्वाब ,
नहीं देखना अब तुम्हे ,
एक दिल ही काफी नहीं ,
रोज़ टूटने के लिए ।
(४ )
तबस्सुम ,
मत शरीक हो ,
मेरी मायूसियों में,
मुकाम बदलने से ,
मायने बदल जाते हैं ।
"पहले रात रोज़ मुझे सुलाती थी अब वो खुद सो जाती है रोज़ मेरी गोद में सिर रख कर । इसे निहारते निहारते कब सुबह हो जाती है पता ही नहीं चलता । यूं सोते हुए देखना रात को याद दिला जाता है तुम्हारी । फिर एक जुगनू और चमक उठता है सिरहाने मेरे । "
बहुत खूब....
जवाब देंहटाएंUnka sar hamari goad me ho to,
जवाब देंहटाएंHam raat lambi hone ki dua krenge....
बहुत दिनों बाद आना हुआ ब्लॉग पर प्रणाम स्वीकार करें
जवाब देंहटाएंखूबसूरत अहसास से भरी क्षणिकाएं
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