मोबाइल चार्ज करना हो तो बस एक प्लग पॉइंट चाहिए होता है। वह चाहे जहां लगा हो, रेलवे प्लेटफॉर्म हो, बस अड्डा हो, फुटपाथ पर कोई बूथ हो, किसी आफिस के पैसेज में हो, टॉयलेट में हो, ट्रेन में हो, प्लेन में हो, किसी साफ जगह में हो या किसी कचरे के डब्बे के पास हो, फौरन ही लोग अपना चार्जर वहां लगाकर मोबाइल चार्ज कर लेते हैं।
मंदिर छोटा हो या बड़ा हो, पार्क में हो, पहाड़ी पर हो, पेड़ के नीचे बस एक मूर्ति हो, भव्य मंदिर हो, जरा सा मंदिर हो , गली मोहल्ले में हो, रेलवे लाइन के किनारे हो, श्मशान में हो, अस्पताल में हो, स्कूल में हो, यह सब मंदिर बस चार्जिंग पॉइंट ही होते हैं।
इन सभी मंदिरों में वोल्टेज और करंट बराबर होता है और मनुष्य को चार्ज करने की क्षमता सब मे एक जैसी होती है।
Samsung हो, apple हो, one plus हो सब चार्ज हो जाते हैं कहीं भी किसी भी पॉइंट से।
बस इत्ती सी बात है।
यह सभी धर्मों के पूजा स्थल की बात है।
जय श्री राम।
बहुत सुंदर
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