बिना पूछे ,
अक्सर,
मुझसे,
निमंत्रण देता,
रहता है,
मेरे ही आंसुओं को,
वह भी,
मेरी ही आँखों में,
कितना समझाया,
घर छोटा है,
ज्यादा मेहमान,
ना बुलाया करो,
अभी पिछली बार की,
ही तो बात है,
याद में,
याद में,
उनकी,
आये आंसू,
अभी भी,
वहीँ ठहरे हुए हैं,
अब,
नई कतार,
नई कतार,
कहाँ बिठाऊँ,
बार बार,
यूँ बुलाते हो,
मेहमान को,
कहीं ऐसा ना हो,
जगह ना पायें वे,
और,
आना ही छोड़ दें,
और फिर,
तुम तरस,
जाओ,
मेहमान नवाजी को,
आँखें भी सूख जाएँ,
ताउम्र के लिए,
पर मन तो गुम सा है,
उनकी ही याद में,
ये क्या,
मै,
मै,
फिर सुन रहा हूँ,
आहट......आंसुओं की,
चलो फिर बुहार ही लूँ,
पलकों से आँखों को,
और स्वागत करूँ,
आंसुओं का |
isi swaagat mein jivan hai
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया सर।
जवाब देंहटाएंसादर
मुसीबतो का स्वागत करना फिर आगे बढ़ना ही जीवन है...
जवाब देंहटाएंस्वागत करूँ,
जवाब देंहटाएंआंसुओं का | खुबसूरत अभिवयक्ति....
Your creations make me emotional every now and then ....
जवाब देंहटाएंवाह्…………आँसुओ का स्वागत …………गज़ब्…………॥
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लिखा है आपने धन्यवाद
जवाब देंहटाएंअतिथि देवो: भव: :............चाहे वो अपने आंसू ही क्यों ना हो
जवाब देंहटाएंदुख में कोई जब साथ नहीं देता है, आँसू देते हैं।
जवाब देंहटाएंmann to bavra hota hai ..sunta nahi...
जवाब देंहटाएंआंसू दिल के सच्चे साथी.....
जवाब देंहटाएंखूबसूरत अभिव्यक्ति...
बेहतरीन प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंmann kahan kisi ki sunta hai
जवाब देंहटाएंमै,
जवाब देंहटाएंफिर सुन रहा हूँ,
आहट......आंसुओं की,
चलो फिर बुहार ही लूँ,
पलकों से आँखों को,
और स्वागत करूँ,
आंसुओं का |
वाह क्या स्वागत है .
मै,
जवाब देंहटाएंफिर सुन रहा हूँ,
आहट......आंसुओं की,
चलो फिर बुहार ही लूँ,
पलकों से आँखों को,
और स्वागत करूँ,
आंसुओं का |
आँसुओं से आत्मीयता का यह रिश्ता बहुत पसंद आया ! बहुत भावपूर्ण और सुन्दर अभिव्यक्ति है ! बधाई !
Behad khaas
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर.... आंसू ही अपने होते हैं.... ख़ुशी में भी गम में भी...
जवाब देंहटाएं............और स्वागत करूँ,
जवाब देंहटाएंआंसुओं का |
बेहतरीन भाव,आभार.
आँखें भी सूख जाएँ,
जवाब देंहटाएंताउम्र के लिए,
पर मन तो गुम सा है,
उनकी ही याद में,
ये क्या,
मै,
फिर सुन रहा हूँ,
आहट......आंसुओं की,
अंतस को छूती बेहतरीन रचना....
बहुत सुंदर रचना ! लाजवाब प्रस्तुती!
जवाब देंहटाएंआपके पास दोस्तो का ख़ज़ाना है,
पर ये दोस्त आपका पुराना है,
इस दोस्त को भुला ना देना कभी,
क्यू की ये दोस्त आपकी दोस्ती का दीवाना है
⁀‵⁀) ✫ ✫ ✫.
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/▌*˛˚ღ •˚HAPPY FRIENDSHIP DAY MY FRENDS ˚ ✰* ★
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!!मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाये!!
फ्रेंडशिप डे स्पेशल पोस्ट पर आपका स्वागत है!
मित्रता एक वरदान
शुभकामनायें
amit ji
जवाब देंहटाएंek bahut hi sashakt avam bhavpravan rachna bahut jabrdast likha hai aapne .
bahut bahut badhai
poonam
कल 09/08/2011 को आपकी एक पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
भावपूर्ण प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसब कुछ बड़ी सहजता से कह दिया आपने....
चंचल मन और आंसुओं को निमंत्रण ....?
जवाब देंहटाएंअमित साहब चंचल मन तो मुस्कानों को निमंत्रण देता है ......
:))
हीर साहिबा , आपकी बात सच है ,चंचल मन तो मुस्कुराता रहता है ,अतः "चंचल" को मैने "बावरा" कर दिया ।
जवाब देंहटाएंमशवरे के लिये बहुत बहुत शुक्रिया....
सुन्दर अभिव्यक्ति... सादर...
जवाब देंहटाएंऔर फिर,
जवाब देंहटाएंतुम तरस,
जाओ,
मेहमान नवाजी को,
आँखें भी सूख जाएँ,
ताउम्र के लिए, ....kaviyon ka dil to ashkon ka dariya hai..ye kahan sukhega..is shaandar kavita ke liye hardik badhayee.
आँसुओ का स्वागत यह ख्याल आया कैसे ? जबरदस्त मान गए ..
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना, बहुत सार्थक प्रस्तुति
जवाब देंहटाएं, स्वाधीनता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
मेरे ब्लॉग पर भी पधारने का कष्ट करें .